देश में कोरोना (Coronavirus) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) की एंट्री के बाद से तीसरी लहर को आशंका गहराने लगी है. कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन, जिसे "काफी संक्रामक" माना जा रहा है, अब तक कम से कम 59 देशों में फैल चुका है. नए वैरिएंट ने भारत में तीसरी लहर की चिंता पैदा की है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की साउथ ईस्ट एशिया के लिए रीजनल डायरेक्टर डॉक्टर पूनम खेत्रपाल ने कहा, "नए वैरिएंट का मतलब यह नहीं है कि चीजें बदतर होंगी, लेकिन निश्चित रूप से, स्थितियां अधिक अनिश्चित होंगी."
उन्होंने स्पष्ट किया, "महामारी का खतरा अब भी बना हुआ है. नए वैरिएंट के आने और दुनिया के अन्य हिस्सों में मामले बढ़ने को देखते हुए वैश्विक स्तर पर कोविड-19 का जोखिम काफी बना हुआ है."
डब्ल्यूएचओ की अधिकारी ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव में चेताया, "दक्षिण एशिया क्षेत्र में, हमें हथियार नहीं डालने चाहिए. हमें निगरानी व्यवस्था, पब्लिक हेल्थ और सामाजिक उपायों को मजबूत करना जारी रखना चाहिए और वैक्शीनेशन के दायरे को बढ़ाना चाहिए.
भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 33 मामले दर्ज हुए हैं और पांच राज्य इससे प्रभावित हैं. सरकार ने बरती जा रही ढिलाई-मास्क के इस्तेमाल से बचना और वैक्सीनेशन में देरी- के खिलाफ चेतावनी दी है.
ओमिक्रॉन को रोकने के लिए दुनियाभर के देश नई पाबंदियां ला रहे हैं. डॉक्टर खेत्रपाल ने कहा, "ओमिक्रॉन के वैश्विक स्तर पर फैलने और बड़ी संख्या में म्यूटेशन सहित कुछ फीचर्स महामारी की प्रणाली पर काफी प्रभाव डाल सकते हैं. वास्तव में इसका क्या असर होगा, यह जान पाना थोड़ा मुश्किल है. एक स्पष्ट तस्वीर तैयार करने में मदद के लिए डब्ल्यूएचओ ने देशों से अधिक से अधिक डेटा सबमिट करने को कहा है. डेटा के विश्लेषण के लिए हजारों विशेषज्ञों को बुलाया गया है."
शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ओमिक्रॉन की संक्रमण क्षमता, गंभीरता, पुन: संक्रमण का जोखिम समेत अन्य कारकों के मूल्यांकन के लिए अध्ययन चल रहा है. उन्होंने कहा, "दक्षिण अफ्रीका से आ रहे आंकड़े ओमिक्रॉन से पुन: संक्रमण के जोखिम को बढ़ाते हैं, लेकिन हमें और निष्कर्ष निकालने के लिए और अधिक जानकारी की आवश्यकता है. कुछ सबूत हैं कि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में मामूली रूप से बीमार होने का कारण बनता है. हालांकि, अभी पुख्ता तौर पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी."
डब्ल्यूएचओ ने जोर दिया कि आरटी-पीसीआर और एंटीजन-आधारित रैपिड टेस्ट दोनों ही कोविड वायरस और इसके वेरिएंट के खिलाफ काम करते हैं.
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