केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने और ‘फेस ऑथेंटिकेशन ऐप' के उपयोग के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान की घोषणा की. कार्मिक राज्यमंत्री सिंह ने कहा, 'अमृत काल की अवधि में डिजिटल रूप से सशक्त पेंशनभोगी डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र के निर्माण में सक्षम होंगे.'
एक सरकारी बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि जीवन प्रमाणपत्र जमा करना एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जिसे पेंशनभोगियों द्वारा पेंशन सुनिश्चित करने के लिए हर साल नवंबर के महीने में किया जाता है. 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के पेंशनभोगियों के लिए अक्टूबर के महीने में जीवन प्रमाणपत्र जमा करने का विशेष प्रावधान है.
पारंपरिक तरीके से, पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र को भौतिक रूप से जमा करने के लिए पेंशन वितरण प्राधिकरण के समक्ष उपस्थित होना पड़ता था जो वृद्ध, बीमार और कमजोर पेंशनभोगियों के लिए असुविधाजनक था. इसके अलावा, पेंशनभोगियों के लिए पेंशन वितरण प्राधिकरण के अभिलेखों में उनके जीवन प्रमाण पत्र के नवीनीकरण के संबंध में दर्जा प्राप्त करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी.
सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों का जीवन आसान बनाने के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रारंभ में बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके डीएलसी जमा करना शुरू किया गया था. इसके बाद आधार के माध्यम से एक ‘फेस-रिकग्निशन टेक्नोलॉजी' तैयार किया गया जिससे किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से डीएलसी देना संभव है.
सिंह ने नवंबर 2022 के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की और सभी पेंशनभोगियों से ‘फेस ऑथेंटिकेशन' तकनीक की सुविधा का लाभ उठाने का आग्रह किया.
सच की पड़ताल : क्या पुरानी पेंशन योजना बस बोझ है?