मंत्रिमंडल ने 6,000 करोड़ रुपये की मत्स्य पालन योजना को मंजूरी दी

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इसमें से लगभग 50 प्रतिशत यानी 3,000 करोड़ रुपये विश्व बैंक और एएफडी बाहरी वित्तपोषण से आएंगे जबकि शेष 50 प्रतिशत राशि लाभार्थियों और निजी क्षेत्र से अपेक्षित है.

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नई दिल्ली:  सरकार ने बृहस्पतिवार को असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक रूप देने, सूक्ष्म और लघु उद्यमों को संस्थागत वित्त की सुविधा देने और जलकृषि बीमा को बढ़ावा देने के लिए 6,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की.

इसके साथ ही सरकार ने 7,522.48 करोड़ रुपये के पहले से स्वीकृत कोष और 939.48 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन से 'मत्स्य पालन अवसंरचना विकास कोष' (एफआईडीएफ) को अगले तीन वर्षों के लिए वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया.

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना' (पीएम-एमकेएसएसवाई) को मंजूरी दे दी, जो प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत केंद्रीय उप-योजना है.

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए कहा कि नई उप-योजना मछुआरों, मछली किसानों, मछली श्रमिकों, सूक्ष्म और लघु उद्यमों और मछली किसान उत्पादक संगठनों सहित अन्य के लिए होगी.

इस योजना का लक्ष्य सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2026-27 तक चार वर्षों की अवधि में 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ सूक्ष्म और लघु उद्यमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र को संगठित रूप देना है.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इसमें से लगभग 50 प्रतिशत यानी 3,000 करोड़ रुपये विश्व बैंक और एएफडी बाहरी वित्तपोषण से आएंगे जबकि शेष 50 प्रतिशत राशि लाभार्थियों और निजी क्षेत्र से अपेक्षित है.

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इस उप-योजना से लगभग 1.7 लाख नए रोजगार पैदा होने का अनुमान है, जिसमें 75,000 महिलाओं को रोजगार देने पर विशेष जोर रहेगा. इसका लक्ष्य सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसएमई) मूल्य श्रृंखला में 5.4 लाख निरंतर रोजगार के अवसर पैदा करना भी है.

यह 40 लाख छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को कार्य-आधारित पहचान प्रदान करने के लिए एक 'राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म' बनाएगा. यह संस्थागत ऋण तक पहुंच प्रदान करते हुए 6.4 लाख सूक्ष्म उद्यमों और 5,500 मत्स्य पालन सहकारी समितियों का भी समर्थन करेगा.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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