उपचुनाव: राजस्थान के अंता और मिजोरम के डाम्पा निर्वाचन क्षेत्रों में 80% से अधिक मतदान

डाम्पा में 82.34 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि अंता में 80.32 प्रतिशत, नुआपाड़ा में 79.41 प्रतिशत, नगरोटा में 75.08 प्रतिशत, घाटशिला में 74.63 प्रतिशत, तरनतारन में 60.95 प्रतिशत, बडगाम में मतदान समाप्ति के समय 50.02 प्रतिशत तथा जुबली हिल्स में 48.47 प्रतिशत मतदान हुआ.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • जम्मू-कश्मीर सहित 6 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में मतदान
  • मिजोरम के डाम्पा और राजस्थान के अंता निर्वाचन क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से अधिक मतदान
  • ओडिशा में मतदान की गोपनीयता उल्लंघन के कारण दो चुनाव अधिकारी निलंबित
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में मंगलवार को उच्च से मध्यम मतदान हुआ तथा मिजोरम के डाम्पा और राजस्थान के अंता निर्वाचन क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से अधिक वोट डाले गये. डाम्पा और अंता के अलावा जिन अन्य विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ उनमें जम्मू-कश्मीर में बडगाम और नगरोटा, झारखंड में घाटशिला, तेलंगाना में जुबली हिल्स, ओडिशा में नुआपाड़ा और पंजाब में तरनतारन शामिल हैं.

डाम्पा और अंता में 80 फीसद से ज्यादा मतदान

डाम्पा में 82.34 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि अंता में 80.32 प्रतिशत, नुआपाड़ा में 79.41 प्रतिशत, नगरोटा में 75.08 प्रतिशत, घाटशिला में 74.63 प्रतिशत, तरनतारन में 60.95 प्रतिशत, बडगाम में मतदान समाप्ति के समय 50.02 प्रतिशत तथा जुबली हिल्स में 48.47 प्रतिशत मतदान हुआ. वैसे, मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है क्योंकि आधिकारिक मतदान समय के बाद भी बड़ी संख्या में मतदाता कतार में खड़े थे, मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी.

दो चुनाव अधिकारियों हुए निलंबित

हालांकि ये चुनाव विभिन्न दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए हैं, फिर भी उनके नतीजों का संबंधित सरकारों पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है. सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण रहा. ओडिशा में मतदान की गोपनीयता बनाए रखने में विफल रहने के कारण दो चुनाव अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. अंता उपचुनाव में 15 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें मुख्य रूप से भाजपा के मोरपाल सुमन और कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के बीच मुकाबला था. अंता विधानसभा सीट भाजपा विधायक कंवर लाल मीणा को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किए जाने के बाद खाली हुई थी.

क्यों कराना पड़ा उपचुनाव

मिज़ोरम में डाम्पा विधानसभा उपचुनाव जुलाई में एमएनएफ के मौजूदा विधायक लालरिंटलुआंगा सैलो के निधन के बाद ज़रूरी हो गया था. नुआपाड़ा सीट पर मतदान समाप्त होने के बाद मतदान दलों को ईवीएम के साथ भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों द्वारा सुनाबेड़ा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से जिला मुख्यालय पहुंचाया गया. सुनाबेड़ा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र को माओवादी गतिविधि के कारण अत्यधिक संवेदनशील माना गया है. आठ सितंबर को बीजद विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के बाद नुआपाड़ा उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया था.

नगरोटा में, भाजपा की देवयानी राणा का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस की उम्मीदवार और जिला विकास परिषद (डीडीसी) की मौजूदा सदस्य शमीम बेगम और जेकेएनपीपी के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह से है. देवयानी राणा विधायक देवेंद्र सिंह राणा की बेटी हैं, जिनके निधन के कारण उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया था. झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के कारण घाटशिला में उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया , जहां मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन और भाजपा के बाबूलाल सोरेन के बीच है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Bihar Exit Poll 2025 Breaking News: Prashant Kishor को कोई भी सीट नहीं मिली! | Bihar Elections
Topics mentioned in this article