"बंकरों ने हमारी जान बचाई": पाकिस्‍तान की गोलाबारी के बाद जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण

अरनिया सेक्टर के लोगों ने बताया कि पाकिस्‍तान की ओर से हो रही गोलाबारी से बचने के लिए उन्‍होंने बंकरों का इस्‍तेमाल किया. जब भी गोलाबारी होती है, तो डरे हुए स्थानीय लोग सेना द्वारा बनाए गए इन्हीं बंकरों में शरण लेने के लिए भागते हैं.

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नई दिल्‍ली:

जम्मू-कश्मीर के अरनिया सेक्टर में पाकिस्तान ने बृहस्‍पतिवार को संघर्ष विराम उल्लंघन किया और गोलीबारी आज सुबह 3 बजे तक जारी रही. ऐसे में सीमावर्ती गांव बुल्ले चक में लोगों को घर छोड़ने और मोर्टार के गोले से अपनी जान बचाने के लिए भागने के लिए मजबूर किया कर दिया. गांव की महिला एकता ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "पहले कम गोलीबारी हुई, फिर रात 8 बजे (गुरुवार को) एक बड़ा मोर्टार शेल हमारे घर पर गिरा. रसोई क्षतिग्रस्त हो गई, सभी खिड़कियां टूट गईं...लेकिन भगवान की कृपा से हम बच गए..."

गांव के सरपंच देव राज चौधरी ने एएनआई को बताया कि एकता और उनके परिवार ने गोलाबारी के दौरान घर में ही रात बिताई और प्रार्थना की, कि कोई और मोर्टार उनके घर पर न गिरे. गोलाबारी कम होने के बाद एएनआई से बात करने वाले अन्य लोगों ने बताया कि उन्होंने हमलों से बचने के लिए बंकरों का इस्‍तेमाल किया. जब भी गोलाबारी होती है, तो डरे हुए स्थानीय लोग सेना द्वारा बनाए गए इन्हीं बंकरों में शरण लेने के लिए भागते हैं.

अरनिया सेक्टर के लोगों ने बताया कि पाकिस्‍तान की ओर से हो रही गोलाबारी से बचने के लिए उन्‍होंने बंकरों का इस्‍तेमाल किया. जब भी गोलाबारी होती है, तो डरे हुए स्थानीय लोग सेना द्वारा बनाए गए इन्हीं बंकरों में शरण लेने के लिए भागते हैं.

न्‍यूज एजेंसी इन बंकरों तक पहुंची और यहां शरण लेने वाले लोगों से भी बात की. वीडियो में कंक्रीट की दीवारों वाला एक छोटा कमरा देखा जा सकता है...

एक शख्‍स ने बताया, "ये बंकर काफी बड़े हैं. इसलिए ये सुरक्षा के लिए काफी मददगार हैं. अचानक जब रात में गोलीबारी शुरू हो जाती है, तब हम इन्‍हीं बंकरों में आ जाते हैं." वहीं, एक अन्‍य निवासी ने कहा, "ये हमें मदद करते...  जब हमारे घरों पर हमले होते हैं, तो यहां हम सुरक्षित रहते हैं. ये बंकर हमारी जान बचाते हैं." 

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