आधी आबादी को वित्त मंत्री का तोहफा, लाभकारी योजनाओं के 3 लाख करोड़ आवंटित

सीतारमण ने कहा कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित करेगी. बजट की मुख्य विशेषताओं में से एक है, औद्योगिक समूहों के साथ साझेदारी में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों की स्थापना और कामकाजी माताओं की सहायता के वास्ते क्रेच की स्थापना करना.

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नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि महिला-नीत विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के तहत महिलाओं और लड़कियों से संबंधित योजनाओं के वास्ते तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किये गये हैं. सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि यह (आवंटन) आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का द्योतक है.

उन्होंने कहा, ‘‘महिला-नीत विकास को बढ़ावा देने के मद्देनजर महिलाओं और लड़कियों से संबंधित लाभकारी योजनाओं के वास्ते बजट में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किये गये हैं.''

सीतारमण ने कहा कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित करेगी. बजट की मुख्य विशेषताओं में से एक है, औद्योगिक समूहों के साथ साझेदारी में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों की स्थापना और कामकाजी माताओं की सहायता के वास्ते क्रेच की स्थापना करना.

इन पहलों का उद्देश्य महिलाओं के लिए कार्यस्थल और घर के बीच संतुलन को बढ़ाना है, जिससे कार्यबल में उनकी अधिक भागीदारी संभव हो सके.

बजट से यह पता चलता है कि नियोजन संबंधी हालिया आंकड़ों के अनुसार, कामकाजी महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. मई 2024 तक लगभग 2.40 लाख नयी महिला सदस्य जुड़ी हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.

पिछले वर्ष की तुलना में कामकाजी महिला सदस्यों की संख्या में 17.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी, जो अधिक समावेशी कार्यबल की ओर सकारात्मक बदलाव का संकेत है.

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने देश के विकास में महिलाओं के योगदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की.

शर्मा ने कहा, ‘‘महिलाएं किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती हैं. सतत वृद्धि और विकास के लिए उनका सशक्तीकरण और भागीदारी महत्वपूर्ण है. महिलाओं के छात्रावास, क्रेच और कौशल विकास कार्यक्रमों जैसी पहल के लिए सरकार द्वारा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन इस वास्तविकता की गहन समझ को दर्शाता है.''

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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