मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन (KV Subramanian) ने शुक्रवार को कहा कि 2021-22 के बजट में जिन सुधार उपायों की घोषणा की गयी है, वे भारत को 5,000 अरब डॉलर और उससे ऊपर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि दर बाजार मूल्य पर 2021-22 में 15.5 प्रतिशत रह सकती है. सीईए ने डिजिटल तरीके से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 के बजट ने 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिये आधार रख दिया है, बजट में किये गये सुधारों से जुड़े उपाय भारत को 5,000 अरब डॉलर और उससे ऊपर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में भारत को 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने का लक्ष्य रखा था.
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सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर की संभावना 6.5 से 7.5 प्रतिशत है. देश को निश्चित रूप से वृद्धि पर गौर करना चाहिए. सीईए ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने देश की आर्थिक वृद्धि दर 11.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. यह आर्थिक समीक्षा में जताये गये अनुमान से ज्यादा है. मुद्राकोष का यह अनुमान वास्तविक संदर्भ में है. उन्होंने कहा, ‘‘अत: अगर हम 4 प्रतिशत मुद्रास्फीति को शामिल कर लेते हैं, जीडीपी वृद्धि दर बाजार दर पर 2021-22 में 15.5 प्रतिशत रह सकती है.'' सुब्रमण्यन ने कहा, ‘‘इस साल मेरे हिसाब से जीडीपी वृद्धि दर में 1 से 2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि इस साल मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति क्या रहती है.'' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी का विनिवेश होने जा रहा है और यह कंपनी निजी क्षेत्र की बीमा कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी. सुब्रमण्यन ने भरोसा जताया कि सरकार अगले वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करेगी.
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