आम बजट 2025 : पूरी होगी लोगों की उम्मीद? जानें सरकार से क्या चाहती है जनता

फाइनेंस से जुड़े लोगों ने एनडीटीवी से कहा कि मेरी बजट से ये उम्मीद है कि कम से कम 10 लाख तक की सलाना कमाई टैक्स फ्री होनी चाहिए, क्योंकि मिडिल क्लास आने वाले वक्त में लोअर मिडिल क्लास दिख रहा है.

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नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश करेंगी. यह बजट वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और धीमी पड़ती घरेलू वृद्धि के बीच आ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट का प्राथमिक उद्देश्य अर्थव्यवस्था को टिकाऊ बनाना और ग्रोथ रेट को हाई करना है. बजट आने में बस दो दिन बचे हैं, ऐसे में आम लोगों की भी इससे कई बड़ी उम्मीदें हैं. वाराणसी के लोगों ने एनडीटीवी से बात की और बजट को लेकर अपनी सरकार के सामने अपनी मांगे रखी.

बनारस के अस्सी घाट पर मौजूद एक डॉक्टर ने बताया कि ये बजट आम जनता के साथ-साथ चिकित्सकों को भी राहत देने वाला होना चाहिए, क्योंकि चिकित्सक एक ऐसा व्यक्ति है जो कई सारे एंप्लॉयर को डेवलप करता है. हम अपने  एंप्लॉयज और कई सारे मेडिसिन कंपनीज को भी मैनेज करते हैं, तो ऐसे में कई सारे लोगों का रोजगार हमसे जुड़ा होता है.

उन्होंने कहा कि ऐसे में डॉक्टरों को एक अच्छा बैकअप सपोर्ट मिलना चाहिए, जो संसाधन है उसमें रियायत के तौर पर, जैसे  मशीनें ही महंगी है तो उसमें रियायत हो. उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए भी बहुत जरूरी है कि उनको जितना कम से कम टैक्स देना पड़े, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए.

'10 लाख तक की सलाना कमाई टैक्स फ्री हो'

वहीं फाइनेंस से जुड़े लोगों ने एनडीटीवी से कहा कि मेरी बजट से ये उम्मीद है कि कम से कम 10 लाख तक की सलाना कमाई टैक्स फ्री होनी चाहिए, क्योंकि मिडिल क्लास आने वाले वक्त में लोअर मिडिल क्लास दिख रहा है, तो कम से कम अगर उसको स्ट्रेंथ कर लेंगे. ये मिडिल क्लास परिवार के लिए बहुत अच्छा होगा. साथ ही एटीसी 2 लाख कर दें जो अभी डेढ लाख के पास है.

लोगों ने कहा कि यह बजट बड़ा ही निर्णायक समय पर आ रहा है वह भी उस समय पर जब पूरे विश्व में मंदी का दौर है और एक वर्ग जो पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को होल्ड करता था, उसका किला गिर रहा है और एक नए किले का सृजन हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में एक बहुत बड़ा वर्ग था जो बैंकों से भी अछूता था, आज वह बैंकिंग सुविधा में आ गया है.

मिडिल क्लास को मिले टैक्स में राहत

लोगों का कहना था कि जो मध्यमवर्गीय है, जो 15 लाख तक की इनकम करता है, अगर उसका एक मोटा इनकम टैक्स में चला जाए तो निश्चित रूप से वह पैसे बचा भी नहीं पाएगा और मार्केट में खर्च भी नहीं कर पाएगा. ऐसे में सरकार को इस बार टैक्स रिफॉर्म करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि फाइनेंस मिनिस्टर ने नए टैक्स कोड बिल को लेकर वादा किया था. 15 लाख तक इनकम टैक्स फ्री होना चाहिए. जब पैसा बचेगा तो यह पैसा मार्केट में आएगा और इनडायरेक्ट टैक्सेस के रूप में जीएसटी के रूप में सरकार के पास ही जाएगा.

सरकार को युवाओं की तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत

वहीं युवाओं ने कहा कि हमें उम्मीद है कि शिक्षण के दौरान हम लोगों को भारत सरकार की तरफ से जो स्टाइफन मिलता है, कुछ-कुछ जो यूजीसी नेट कर रहे हैं, उससे बहुत ही कम मिलता है और जो जीआरएफ-एसआरएफ है उनको बहुत ज्यादा मिलता है, तो हमें लेकर भी इसका ध्यान रखा जाना चाहिए.
 

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