अंतरिम बजट को लेकर सिंधिया से लेकर शशि थरूर तक, पढ़ें किस नेता ने क्या कहा

Budget 2024 : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस बजट से इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में औऱ तेजी से विकास करने में मदद मिलेगी. ये बजट आम लोगों का बजट है.

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अंतरिम बजट पर तमाम दलों की तरफ से आया रिएक्शन

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अंतरिम बजट पेश किया. इस बजट में निर्मला सीतारमण ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं. मसलन, केंद्र सरकार ने इस बार इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि उनकी सरकार 40 हजार रेल बोगियों को वंदे भारत ट्रेन की बोगियों की तरह ही बनाएगी. उन्होंने और भी कई बड़ी योजनाओं का अपने बजट भाषण में जिक्र किया है. 

इन सब के बीच केंद्र सरकार के इस बजट के बाद अब तमाम राजनीतिक दलों की तरफ से भी रिएक्शन आना शुरू हो हो गया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बजट को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक बजट है...भारत अब आगे बढ़ चुका है. 'यही समय है, सही समय है'.

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दुनिया में भारत को तीसरी नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प जो पीएम मोदी ने किया है. उसी के अनुसार वित्तमंत्री का यह बजट देश की आर्थिक क्षेत्र को मजबूत करने वाला है, उद्योग की तरक्की करने वाला और रोजगार नए क्रिएट करने वाला है. इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है. 

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वहीं, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलश यादव ने इस अंतरिम बजट के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट किया. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है. भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकार्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है. ये भाजपा का ‘विदाई बजट' है.

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इसी तरह केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं इस बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं. किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ा गया है...आज हम अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में एक आत्मविश्वासी देश बन गए हैं.


केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अंतरिम बजट को लेकर कहा कि यह बजट 'विकसित भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. इस बजट की सबसे बड़ी घोषणा 'जय अनुसंधान' योजना है जिसके लिए आज के बजट में कॉर्पस फंड के रूप में 1 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. जो भी निजी संस्था ऋण का विकल्प चुनेगी, उन्हें 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा. इसका सीधा लाभ भारत की नई पीढ़ी को होगा... राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी गई है. इनोवेशन एक क्रांति का रूप ले चुका है.पीएम से चर्चा हुई है. नए आईआईटी और आईआईएम पर चर्चा हुई है.

उन्होंने आगे कहा कि स्किल इंडिया के तहत देश के 1.4 करोड़ युवाओं की स्किलिंग और अप-स्किलिंग की जाएगी.तीन नए रेलवे कॉरिडोर की बात की गई है. इसका सीधा मतलब है कि कुशल जनशक्ति को अधिक रोजगार मिलेगा और लोगों की जीवनशैली में सुधार होगा. संक्षेप में, यह बजट कल्याण और धन सृजन के बीच अच्छी तरह से संतुलित है.

कांग्रेस से सांसद कार्ति चिदंबरम ने इस बजट को लेकर कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए महज एक प्रशासनिक कवायद है कि नई संसद के गठन और नई सरकार के गठन तक भारत सरकार के पास अपना सामान्य कामकाज चलाने के लिए आवश्यक धन हो. और यही उन्होंने किया है. इस बजट में आत्म-बधाई, आत्म-प्रशंसा वाक्यांशों को बनाने के अलावा, वहां कुछ भी नहीं है. 

अंतरिम बजट को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पूर्ण बजट जुलाई में आएगा. हमें उम्मीद है कि लोगों को फायदा होगा, पर्यटन बढ़ेगा, उद्योग भी बढ़ेंगे और देश प्रगति करेगा.

इस अंतरिम बजट को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह बजट भाषण रिकॉर्ड किए गए आज तक के सबसे छोटे बजट भाषणों में से एक था. इसमें से बहुत कुछ सामने नहीं आया. उन्होंने विदेशी निवेश के बारे में बात की, बिना यह स्वीकार किए कि निवेश में काफी कमी आई है. उन्होंने कई चीज़ों के बारे में बात की जो अस्पष्ट भाषा में हैं, जैसे 'आत्मविश्वास' और 'उम्मीद' इत्यादि. लेकिन जब ठोस आंकड़ों की बात आती है, तो बहुत कम आंकड़े उपलब्ध होते हैं.यह पूरी तरह से सामान्यताओं में छिपा होने और पर्याप्त सामग्री के बिना और अर्थव्यवस्था की विशिष्ट समस्याओं को संबोधित करने की इच्छा के मामले में एक बहुत ही निराशाजनक भाषण होगा.

इस बजट को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज नई संसद में पुराने ढर्रे पर पेश अंतरिम बजट केवल चुनावी ढकोसला है यह देश के किसानों,गरीबों युवा,आदिवासी,महिलाओं के साथ धोखा है भारतीय किसान यूनियन इस बजट को सिरे से नकारती है.