जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकवादियों के हमले (Budgam terrorist attack) में घायल हुए एक विशेष पुलिस अधिकारी के भाई की रविवार को एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. आतंकियों ने शनिवार को विशेष पुलिस अधिकारी इशफाक अहमद की बडगाम में उनके आवास के पास गोली मार कर हत्या का दी थी. इस घटना में उनके भाई उमर जान को भी गोलियां लगी थीं.उमर को बेमीना के एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया गया जहां रविवार को उसकी मौत हो गई. शनिवार रात करीब 8.35 बजे आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी और एसपीओ इशफाक अहमद को बडगाम में चाडबुग स्थित उनके घर के पास गंभीर रूप से घायल कर दिया. दोनों भाइयों को बेमिना स्थित एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहां अहमद की मौत हो गई.
दोनों भाइयों के जनाजे में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. हमले के बाद परिवार के कुछ लोगों ने गांव छोड़ने का ऐलान भी किया. परिवार में कई सदस्य पुलिस में नौकरी करते हैं. जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में आतंकयों ने सुरक्षाबलों औऱ पुलिसकर्मियों पर हमला करने की रणनीति तेज की है. इस हमले में अब तक छह सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने एसपीओ की हत्या की निंदा की. सिन्हा ने लिखा, मैं एसपीओ इशफाक अहमद और उनके भाई उमर जान पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. शहादत प्राप्त करने वाले इशफाक को श्रद्धांजलि और उमर के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.नेशनल कान्फ्रेंस ने ट्वीट किया, ‘हम कश्मीर के बडगाम जिले के चाडबुग गांव में एसपीएओ इशफाक अहमद की कायराना तरीके से की गई हत्या की कड़ी निंदा करते हैं. हमारी संवेदना उनके प्रियजनों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रति है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने हत्या को बर्बर कृत्य करार दिया.
पार्टी ने ट्वीट किया, ‘बडगाम में एसपीओ की हत्या हुई, कैसे बर्बर और अमानवीय आतंकवाद हमारी युवा पीढ़ी को मिटा रहा है। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं। मृतक की आत्मा को शांति मिले और परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं. अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि इस तरह की हिंसा का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है. हम इस मुश्किल समय में पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। इस तरह की हिंसा का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और इससे केवल त्रासदियों और दुखों में ही वृद्धि होती है.
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने कहा, यह आतंकियों की हताशा है.अब वे समझ चुके हैं कि उनकी संख्या दिन प्रतिदिन कम हो रही है. निर्दोषों का खून बहाने से कुछ हासिल नहीं होगा. यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है.