"बहुत कुछ कहा" : बीजेपी के साथ गुप्त गठबंधन के आरोपों पर मायावती

यह पूछे जाने पर कि वह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या बीजेपी के खिलाफ पर्याप्त रूप से मुखर नहीं हैं, उन्होंने कहा, "मैं कभी भी किसी पर व्यक्तिगत हमले नहीं करती, चाहे वह कांग्रेस हो या सपा."

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मायावती ने दावा किया कि अन्य पार्टियां उनकी नकल करती हैं, उन्हें दूसरों की नकल करने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की चार बार की मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आज कहा कि बीजेपी के साथ गुप्त गठबंधन के आरोप बेबुनियाद हैं. आरोप लगाने वाले प्रतिद्वद्वियों की सूची में उन्होंने अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी को सबसे ऊपर रखा. उत्तर प्रदेश में सात चरणों के विशाल चुनाव के समापन से कुछ दिन पहले पार्टी की कड़ी आलोचना पर मायावती ने एनडीटीवी से कहा, "यह हमारे विरोधियों, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी द्वारा और हमारा विरोध करने वालों द्वारा कहा जा रहा है." 

यह पूछे जाने पर कि वह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या बीजेपी के खिलाफ पर्याप्त रूप से मुखर नहीं हैं, उन्होंने कहा, "मैं कभी भी किसी पर व्यक्तिगत हमले नहीं करती, चाहे वह कांग्रेस हो या सपा."

दरअसल, बीजेपी के साथ दो बार गठबंधन करने वाली मायावती द्वारा लगातार समाजवादी पार्टी और अन्य प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधने के बाद उन्हें बीजेपी की "बी टीम" बताया जाने लगा था. पिछले महीने, उन्होंने बयान दिया था कि वह एमएलसी चुनाव में सपा उम्मीदवार की हार सुनिश्चित करेंगी, भले ही इसका मतलब भाजपा को वोट देना ही क्यों न हो. जिसके बाद फिर बीजेपी के साथ गठबंधन करने की अटकलें तेज हो गईं थी.

चुनाव से पहले, मायावती और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच आपसी प्रशंसा ने फिर से अटकलों को हवा दी. एक साक्षात्कार में अमित शाह के अपने अभियान के सकारात्मक मूल्यांकन का जवाब देने के लिए कहने पर, मायावती ने कहा था, "यह उनका बडप्पन (उदारता) है कि उन्होंने सच्चाई को स्वीकार किया है."

आज, मायावती ने कहा कि उन्होंने बीजेपी के खिलाफ "बहुत कुछ कहा" है.

"क्या यह पर्याप्त नहीं है कि मैंने इस बारे में बात की है कि कैसे बुलडोजर गैर-मुसलमानों और माफियाओं के खिलाफ कभी काम नहीं करता है?" उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस दावे का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाए हैं और माफियाओं पर सख्त हैं.

बीजेपी पर मायावती की चुप्पी ने जहां शुरुआत में अटकलों को हवा दी थी, वहीं समाजवादी पार्टी के सहयोगी एसबीएसपी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में कहा था कि बसपा बीजेपी के साथ मिलकर और वोटों के ध्रुविकरण के लिए चुनाव लड़ रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बसपा के उम्मीदवारों का फैसला बीजेपी के रणनीतिकार अमित शाह के कहने पर ''उनके कमरे में'' किया गया और उन्हें केवल बसपा कार्यालय में चुनाव चिह्न दिया गया.

किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की किसी भी संभावना को दृढ़ता से खारिज करते हुए मायावती ने कहा, "मैं आपको बता रही हूं, बसपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा. परिणाम आने के बाद आप मुझसे यह सवाल फिर से पूछ सकते हैं". हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके पास "चीजों को करने का अपना तरीका" है.

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उन्होंने दावा किया कि यह "अन्य पार्टियां" हैं जो अब उनकी नकल करती हैं और कहा, "मैं अन्य पार्टियों की नकल नहीं करती. मैं रोड शो नहीं करती, न ही छोटे इलाकों में घर-घर प्रचार करती हूं. कांशीराम जी ने हमें सिखाया कि कैडर सिस्टम का पालन कैसे किया जाता है. इसलिए, दूसरे क्या करते हैं, हमें उनकी नकल करने की जरूरत नहीं है." 

बसपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल में केवल दो दिन की छुट्टी ली है. उन्होंने कहा, "मैं जमीनी स्तर पर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ी हूं और इस बार मैंने बड़े समुदाय को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है. मैंने साल भर में कई छोटी बैठकें की हैं."

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