अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के लिए पाकिस्तान में हिरासत में लिए गए सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान के मामले में एक अपडेट आया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ ने पाकिस्तान रेंजर्स के सामने विरोध दर्ज कराया है. सूत्रों ने कहा कि इससे पहले दोनों पक्ष अनजाने में सीमा पार करने की इस तरह की घटनाओं को जल्दी ही सुलझाते रहे हैं, लेकिन इस बार पाकिस्तानी पक्ष जवान के ठिकाने और वापसी की तारीख के बारे में 'अनिश्चितता' बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ तनाव बढ़ने के कारण पाकिस्तान ऐसा कर रहा हो.
अनजाने में जवान ने किया बॉर्डर क्रॉस
बीएसएफ ने 24वीं बटालियन के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को 23 अप्रैल को रेंजर्स द्वारा पकड़े जाने की घटना की जांच शुरू कर दी है. जवान अनजाने में फिरोजपुर जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गया था.
अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडल पर पिछले सप्ताह शॉ की तस्वीरें साझा की गई थीं, जिनमें वह आंखों पर पट्टी बांधे एक वाहन में बैठे और फिर एक पेड़ के नीचे खड़े नजर आ रहे थे. उनकी राइफल, गोलियों से भरी मैगजीन, बेल्ट और अन्य सामान जमीन पर रखे हुए थे.
अधिकारियों ने बताया कि जवान 'किसान गार्ड' का हिस्सा था, जिसे सीमा पर बाड़ के पास जमीन जोतने वाले भारतीय किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था.
उन्होंने कहा कि जवान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा का गलत अनुमान लगा लिया और दूसरी तरफ जाकर पास के एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा, जहां से रेंजर्स ने उसे पकड़ लिया.
वापसी की तारीख नहीं तय
अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स को एक विरोध पत्र भेजा गया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स जवान के ठिकाने व वापसी की तारीख के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी है.
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच करीब 4-5 फ्लैग मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन जवान की वापसी पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने रेंजर्स के सेक्टर कमांडर को एक विरोध पत्र भेजा है.
अधिकारियों ने बताया कि जवान को लाहौर-अमृतसर सेक्टर में रेंजर्स बेस पर ले जाया गया है और जल्द ही उसे बीएसएफ को सौंपा जा सकता है.
उन्होंने बताया कि रेंजर्स ने चुप्पी साध रखी है और न तो कोई विरोध पत्र जारी किया है और न ही जवान की हालत के बारे में बताया है.
रिहाई के प्रयास जारी
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि शॉ की गर्भवती पत्नी और बेटा सोमवार को पंजाब पहुंचे और उनकी यूनिट के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि शॉ जल्द ही वापस आ जाएंगे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'उनकी रिहाई के लिए प्रयास जारी हैं. संभवतः पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर दोनों देशों के बीच मौजूदा स्थिति को देखते हुए पाकिस्तानी सेना अपने विकल्पों पर विचार कर रही है. इससे पहले दोनों तरफ से ऐसी अनजाने में हुई गलती के मामलों को जल्दी ही सुलझा लिया गया था.'
साहू पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा के रहने वाले हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)