पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) के साथ बैठक के बाद से मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटलकों के बीच बीएस येदियुरप्पा (Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa) ने बुधवार यानी 21 जुलाई की शाम भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अपने सहयोगियों से "विरोध प्रदर्शन और अनुशासनहीनता में शामिल नहीं होने" की अपील की है. येदियुरप्पा के ट्वीट को केंद्र के लिए एक सूक्ष्म संकेत के रूप में देखा जा रहा है, ऐसे समय में उन्हें धार्मिक नेताओं और यहां तक कि एक पूर्व कांग्रेस मंत्री से भी समर्थन मिल रहा है. 78 वर्षीय येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, “मुझे गर्व है कि मैं बीजेपी का वफादार कार्यकर्ता हूं. मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मैंने उच्च आदर्शों का पालन करते हुए पार्टी की सेवा की है. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि पार्टी के संस्कारों के अनुरूप आचरण करें और ऐसा कोई प्रदर्शन या अनुशासनहीनता न करें जिससे पार्टी को शर्मिंदगी झेलनी पड़े.”
बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए मुख्यमंत्री के पिछले हफ्ते अचानक दिल्ली के दौरे ने सवाल खड़े किये थे कि वो अपने पद पर कब तक बरकरार रहेंगे? दिल्ली में रहते हुए, जब राज्य भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा: "इसमें कोई सच्चाई नहीं है. बिल्कुल नहीं. बिल्कुल नहीं. बिल्कुल नहीं." उन्होंने बेंगलुरु वापस उड़ान भरने के बाद भी यही कहा कि वो पद पर बने रहेंगे.
दक्षिण भारत में भाजपा के पहले और एकमात्र मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने जुलाई 2019 में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन से पदभार संभालने के बाद से लगभग दो साल पूरे कर लिए हैं. उन्हें राज्य के कुछ भाजपा विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, पर्यटन मंत्री सीपी योगेश्वर और एमएलसी एएच विश्वनाथ सहित कुछ नेताओं ने नेतृत्व द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद येदियुरप्पा के खिलाफ बात की है.
विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल सहित पार्टी में मुख्यमंत्री के आलोचकों ने येदियुरप्पा के बेटे और पार्टी के राज्य उपाध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र पर पिछले सप्ताह अपने पिता के साथ दिल्ली जाने को लेकर हमला किया था. यतनाल ने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा का बेटा "कर्नाटक में सरकार चला रहा था."
कर्नाटक : बीजेपी के लिए आसान नहीं बीएस येदियुरप्पा को सीएम के पद से हटाना
बता दें कि वीरशैव लिंगायत समुदाय और अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने येदियुरप्पा को समर्थन देने की घोषणा की है और उनसे मुख्यमंत्री के पद पर काम करते रहने का आग्रह किया है. इसके अलावा समुदाय के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर येदियुरप्पा को हटाया गया तो भाजपा को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. सांसद जी एम सिद्धेश्वर और पूर्व विधायक बी सुरेश गौड़ा ने येदियुरप्पा को समर्थन देने वाला बयान दिया है. उन्होंने विश्वास जताया है कि वह मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे क्योंकि पार्टी आलाकमान ने उन्हें पद छोड़ने को नहीं कहा है.
बीजेपी के लिए आसान नहीं बीएस येदियुरप्पा को सीएम के पद से हटाना