UNSC में स्थायी सदस्यता पर भारत की बड़ी जीत, अमेरिका, फ्रांस के बाद ब्रिटेन भी दे रहा साथ

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सेशन की डिबेट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टारमर (Britain Support India) ने कहा कि UNSC को 'ज्यादा रिप्रेजेंटेटिव बॉडी' बनने के  लिए बदलना होगा, जो काम करने के लिए तैयार हो और राजनीति रूप से पंगु न हो. 

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
UNSC के लिए ब्रिटेन ने किया भारत का समर्थन.

भारत को UNSC की स्थाई सदस्यता के लिए अमेरिका और फ्रांस के बाद अब ब्रिटेन का भी समर्थन मिल गया है.प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य (UNSC Permanent Seat)  के लिए भारत का समर्थन किया. कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत का समर्थन किया था. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सेशन की डिबेट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टारमर ने कहा कि UNSC को 'ज्यादा रिप्रेजेंटेटिव बॉडी' बनने के  लिए बदलना होगा, जो काम करने के लिए तैयार हो और राजनीति रूप से पंगु न हो. 

ये भी पढ़ें-UN में PM मोदी ने इशारों में ठोका सुरक्षा परिषद के लिए दावा तो बहाने से चीन को भी सुनाया

UNSC में वर्तमान में, 5 स्थायी और 10 गैर-स्थायी सदस्य देश शामिल हैं, जिन्हें UN की महासभा दो साल के कार्यकाल के लिए चुनती है. इसके 5 स्थायी सदस्य रूस, यूके, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं, जिनके पास किसी भी ठोस प्रस्ताव को वीटो करने की ताकत है.

Advertisement

ये देश UNSC के स्थायी सदस्य

  • रूस
  • यूके
  • चीन
  • फ्रांस
  • अमेरिका

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, "हम UNSC में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व, ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी को स्थायी सदस्य के रूप में देखना चाहते हैं और निर्वाचित सदस्यों के लिए भी ज्यादा सीटें चाहते हैं."

Advertisement

फ्रांस ने भी UNSC के लिए किया था भारत का समर्थन

ब्रिटेन से पहले बुधवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत को UNSC के स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने का पुरजोर समर्थन किया था. उन्होंने UN सभा से कहा, "जब तक हमारे पास एक ब्लॉक्ड सुरक्षा परिषद है, मैं कहना चाहूंगा कि तब तक हम प्रत्येक पक्ष के हितों के मुताबिक, आगे बढ़ने में कठिनाई अनुभव करेंगे. इसलिए आइए हम इन संयुक्त राष्ट्रों को और ज्यादा बनाएं, सबसे पहले शायद उन्हें ज्यादा  प्रतिनिधि बनाकर. यही वजह है कि फ्रांस, और मैं यहां दोहराता हूं, सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है."

Advertisement

मैक्रों ने कहा, "जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को UNSC का स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश भी होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा."

Advertisement

बाइडेन ने भारत के लिए क्या कहा?

पिछले हफ्ते जो बाइडेन ने भी UNSC के स्थायी सदस्य के रूप में भारत को समर्थन दिया था. शनिवार को डेलावेयर के विलमिंगटन में अपने घर पर पीएम मोदी के साथ बातचीत में बाइडेन ने कहा कि अमेरिका भारत की अहम आवाज़ को प्रतिबिंबित करने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है, जिसमें सुधारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नई दिल्ली की स्थायी सदस्यता भी शामिल है.
 

भारत ने जताया अमेरिका का आभार

इस समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका का आभार व्यक्त किया था. दरअसल भारत दशकों से यह तर्क देता रहा है कि वह यूएनएससी का सदस्य बनने का हकदार है. नई दिल्ली ने बयान में कहा कि 1945 में बनी 15 देशों की परिषद 21वीं सदी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त नहीं है और कंटेंपरेरी जियो-पॉलिटिकल रिएलिटीज को रिफलेक्ट नहीं करती है. 

रविवार को 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' में UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी चेतावनी दी थी कि 15 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अधिकार कम होता जा रहा है.इसके स्वरूप और कार्य पद्धति में सुधार की जरूरत है वरना यह  अपनी सारी विश्वसनीयता खो देगी.

Featured Video Of The Day
World की सबसे महंगी मुद्रा है Kuwaiti Dinar, सुनकर कान से निकलेगा धुआं