दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर नाबालिग के लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप पर दिल्ली पुलिस की 'क्लोजर रिपोर्ट' स्वीकार कर ली. याचिका में दायर मामले को रद्द करने की मांग की गई थी. इसके बाद एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा कि इस मामले में मेरा कुछ नहीं छिना है, मुझे बहुत कुछ मिला ही है.
मेरा कुछ नहीं छिना, बहुत कुछ मिला- बृजभूषण सिंह
बीजेपी के पूर्व सांसद ने एनडीटीवी से कहा कि आज तक का जो हमारा अनुभव है. वो कहता है कि जब कोई चीज होती है तो उसके पीछे कोई न कोई कारण होता है. एक समय था जब भगवान राम का राज्याभिषेक होने वाला था और अचानक सब कुछ छिन गया. तो मैं हारा हुआ खिलाड़ी नहीं हूं, मैं अभी हारा नहीं हूं. मेरा कुछ नहीं छिना है. बहुत कुछ मिला है.
साथ ही उन्होंने कहा कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष का पद उन्हें ख़ैरात में नहीं मिला था, चुनाव लड़कर जीता था. विपक्षियों को ग़लतफ़हमी हो गई थी तो ज़ोर आज़माइश करके देख लिया. कुश्ती संघ के चुनाव में जो 49 वोट पड़े थे, उसमें छह वोट नक़ली थे, जो उन्होंने ही किसी वजह से बनवा दिया था. बावजूद इसके 43 वोट पाकर संजय सिंह चुनाव जीत गए. कुश्ती संघ का अध्यक्ष यूपी का ही है.
बहुत दिनों तक 'अपने लोग' ही कुश्ती संघ चलाएंगे- बृजभूषण
बृजभूषण सिंह ने कहा कि दर्जनों लोगों की तरफ से लगाए गए इतने बड़े आरोपों के बावजूद हरियाणा समेत हर जगह से समर्थन मिला. आधी जीत के सवाल पर उन्होंने चुटकी बजाकर इशारा किया कि जीत पूरी होगी. वहीं अपने भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि जो राम चाहेंगे वही बनेंगे. कुश्ती संघ को लेकर उन्होंने दावा किया कि बहुत दिनों तक 'अपने लोग' ही कुश्ती संघ चलाएंगे.
विपक्ष के लगाए आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सारा खेल भूपेंद्र हुड्डा का रचा हुआ था. इसमें प्रियंका गांधी को भी गुमराह किया गया. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत आरोप लगाने वाले दल आज कहां हैं, ये सबको पता है. उन्होंने फिर से कहा कि ये जीत आधी नहीं बल्कि पूरी है.
पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामले को हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज एक अलग मामले में उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था.
पुलिस ने नाबालिग पहलवान से जुड़ी शिकायत को रद्द करने की सिफारिश करते हुए कहा था कि कोई ठोस सबूत नहीं मिला. पॉक्सो अधिनियम में न्यूनतम तीन साल की कैद का प्रावधान है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि मामला किस धारा के तहत दर्ज किया गया है. पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण ने इन आरोपों से लगातार इनकार किया है.