उत्तर प्रदेश में एक लुटेरी दुल्हन ने दो बैंक अधिकारियों, तीन सरकारी कर्मचारियों और दो दरोगाओं समेत 12 से अधिक लोगों को अपने जाल में फंसाकर करोड़ों रुपये ऐंठे हैं. इस ब्लैकमेलर दुल्हन का नाम दिव्यांशी है, जिसका शिकार बने कानपुर के ग्वालटोली थाने में तैनात दरोगा आदित्य कुमार लोचव ने जब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तब उसके कारनामों का पर्दाफाश हुआ. पुलिस ने लुटेरी दुल्हन दिव्यांशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
दिव्यांशी पहले लोगों को अपने प्यार के जाल में फंसाती थी और उनसे संबंध बनाती थी. इसके बाद वह उन पर रेप का फर्जी केस दर्ज कराकर उनसे मोटी रकम ऐंठती थी. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार दिव्यांशी ने पहले दो बैंक मैनेजरों से शादी की और बाद में दोनों पर रेप का केस दर्ज करा दिया. हालांकि, कोर्ट ट्रायल के दौरान वह अपने बयान से पलट गई. इसके बाद उसने मेरठ में तैनात एक दरोगा से शादी रचाई, जिस पर भी कुछ दिनों बाद फर्जी रेप केस दर्ज कराया गया. उसने तीन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी रेप केस दर्ज कराए थे, जो बाद में समझौते के जरिए खत्म हो गए.
घर में नहीं रुकती थी दिव्यांशी
बुलंदशहर के रहने वाले 2019 बैच के सब-इंस्पेक्टर आदित्य कुमार लोचव की शादी दिव्यांशी से एक रिश्तेदार के जरिए 17 फरवरी, 2024 को हुई थी. दिव्यांशी ने दहेज में स्कॉर्पियो और लाखों के जेवर देने की बात कही थी, जिसके बाद आदित्य और उनके परिवार ने हामी भर दी. शादी के बाद दिव्यांशी बीएड और सीटेट की तैयारी का बहाना बनाकर घर में नहीं रुकती थी और जब आती थी तो गूगल-पे और फोन-पे जैसे सभी यूपीआई एप डिलीट कर देती थी. ड्यूटी पर मौजूद आदित्य से वह ऑनलाइन रुपए भी मांगती थी, जिससे उन्हें शक हुआ.
पति ने मोबाइल मांगा तो हुआ विवाद
शादी के 4 महीने बाद, जब आदित्य छुट्टी पर घर आए और उन्होंने दिव्यांशी का मोबाइल लिया, तो वह बेचैन हो गई. आदित्य ने जबरन यूपीआई एप डाउनलोड कराए और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री चेक की. उन्हें 10 से ज्यादा खातों में करोड़ों के ट्रांजैक्शन मिले, इस राज के खुलने के बाद दिव्यांशी झगड़ा करके मायके चली गई. 25 नवंबर 2024 को दिव्यांशी ने कानपुर पुलिस कमिश्नर ऑफिस में हाई-वोल्टेज ड्रामा किया. उसने अपने पति आदित्य पर परेशान करने और 14.50 लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाते हुए कहा कि दरोगा पति के कई महिलाओं से अवैध संबंध हैं और वह उन्हें ब्लैकमेल करते हैं. इस दौरान उसने दरोगा से समझौते के नाम पर एक करोड़ रुपए की मांग की. दरोगा आदित्य के साथ हुए इस हैरेसमेंट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने दो बार सुसाइड करने का भी प्रयास किया था.
जब दरोगा आदित्य ने दिव्यांशी चौधरी के खिलाफ सैकड़ों साक्ष्य पेश किए, तो पुलिस ने जांच शुरू की. पुलिस ने जब दिव्यांशी के खातों की जांच की, तो एक चौंकाने वाला सच सामने आया. उसके खातों से मेरठ में तैनात रह चुके दरोगा, इंस्पेक्टर और सीओ तक के खातों में करोड़ों का लेन-देन मिला. पुलिस ने पाया कि दिव्यांशी के इस ब्लैकमेलिंग गैंग में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जो उसके पकड़े जाने के बाद दरोगा आदित्य पर लगातार समझौते का दबाव बना रहे थे.
आदित्य के साक्ष्यों से यह साबित हो गया कि दिव्यांशी एक शातिर ब्लैकमेलर है, जिसने फर्जी रेप केस और झूठी एफआईआर के जरिए कई लोगों को अपना शिकार बनाया है.














