वित्त मंत्रालय में अगले साल 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट की तैयारी शुरू हो गयी है. गुरुवार को राजस्व सचिव अरविन्द श्रीवास्तव ने गुरुवार को Budget 2026-27 की रूररेखा को लेकर उद्योग संघ ASSOCHAM के वरिष्ठ पदाधिकारियों की साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की.बजट 2026-27 पर पिछले दो दिनों में उद्योग संघों के साथ राजस्व सचिव की वित्त मंत्रालय में ये दूसरी बैठक थी. बैठक के बाद ASSOCHAM की नेशनल कौंसिल फॉर डायरेक्ट टैक्सेज के चेयरमैन संदीप चौफला ने एनडीटीवी से कहा कि हमने राजस्व सचिव के सामने ये सुझाव दिया है कि नए इनकम टैक्स कानून को रेशनलाइज करना ज़रूरी है. इसके कुछ प्रावधानों में बदलाव जरूरी होगा. इसको लेकर रेवेन्यू सेक्रेटरी ने सुझाव दिया की ASSOCHAM को CBDT के साथ मिलकर एक नेशनल वर्कशॉप करना चाहिए जिससे कारगर तरीके से 1अप्रैल, 2026 से नया इनकम टैक्स कानून देश में लागू किया जा सके.
उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2026 से लागू होने वाले नए इनकम टैक्स कानून को लागू करने के लिए रूल्स जल्दी ही फ्रेम किये जायेंगे. Sunrise सेक्टर जैसे डाटा सेंटर्स, सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टरों में पिछले कुछ दिनों में निवेश तेज़ी से बढ़ रहा है. नए निवेशकों के लिए Ease of Doing Business व्यवस्था को मज़बूत करने और टैक्स की निश्चितता (Tax certainty) सुनिश्चित करने पर भी बैठक में चर्चा हुई. राजस्व सचिव ने उद्योग संघ ASSOCHAM से इस बारे सुझाव मांगे हैं.
संदीप चौफला ने आगे कहा कि बढे हुए US Tariffs के असर से निपटने के लिए सरकार भारतीय एक्सपोर्टरों के लिए नए बाज़ार विकसित करना चाहती है. इसके लिए भी बजट 2026-27 में विशेष प्रावधान करना ज़रूरी होगा. इससे पहले बुधवार को उद्योग संघ PHDCCI के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने राजस्व सचिव अरविन्द श्रीवास्तव के साथ अगले बजट की रूपरेखा पर बैठक के दौरान पर्सनल इनकम टैक्स रेट को रेशनलाइज करने की मांग रखी.
एनडीटीवी से बातचीत में PHDCCI के सेक्रेटरी जनरल रंजीत मेहता ने कहा कि बजट 2026-27 में पर्सनल इनकम टैक्स रेट को राशनलाइज करना जरूरी है. हमने रेवेनुए सेक्रेटरी को सुझाव दिया है कि सबसे बड़े इनकम टैक्स स्लैब की सीमा (ceiling) को बढ़ाना ज़रूरी होगा. हमने यह सुझाव दिया है की इससे हाई इनकम ग्रुप के प्रोफेशनल्स के पास पैसे की ज्यादा बचत होगी और वह बाजार में ज्यादा खर्च कर सकेंगे. साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में Tariffs को लेकर जारी अनिश्चितता को देखते हुए PHDCCI ने वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि अगले बजट में छोटे और लघु उद्योगों की हैंड होल्डिंग करना जरूरी होगा, उन्हें आसान शर्तों पर क्रेडिट मुहैया कराने के लिए बजट 2026-27 में प्रावधान करना बेहतर होगा.














