कोटा में पतंग के मांझे से गला कटने से लड़के की मौत

मकर संक्रांति के त्योहार से पहले, कोटा, बूंदी और झालावाड़ के जिलाधिकारियों ने कांच लेपित मांझों और चीनी मांझों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे. घायल पक्षियों को उपचार प्रदान करने में मदद करने वाले एक गैर सरकारी संगठन के अध्यक्ष के अनुसार, कोटा शहर में पतंग के मांझे से सात पक्षियों की मौत हो गई और 34 अन्य घायल हो गए.

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राजस्थान के कोटा जिले में पतंग के मांझे से जुड़े हादसों में गला कटने से एक 12 वर्षीय लड़के की मौत हो गई और पांच अन्य व्यक्ति घायल हो गए. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक भंवर सिंह ने बताया कि घटना उस समय हुई जब कक्षा 5 में पढ़ने वाला सुरेंद्र भील सोमवार शाम अपने घर की छत पर अपने दोस्तों के साथ पतंग उड़ा रहा था. उन्होंने कहा कि सुरेंद्र को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इसके, अलावा मकर संक्रांति के दौरान प्रतिबंधित मांझे की चपेट में आकर 60 वर्षीय एक व्यक्ति सहित पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस के अनुसार, रविवार को सतूर गांव में मांझे की चपेट में आने से रामलाल मीणा की गर्दन में गहरा घाव हो गया. घटना के समय वह मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे.

परिवार ने कहा कि मीणा को कोटा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी गर्दन में 13 टांके आए हैं.

मकर संक्रांति के त्योहार से पहले, कोटा, बूंदी और झालावाड़ के जिलाधिकारियों ने कांच लेपित मांझों और चीनी मांझों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे. घायल पक्षियों को उपचार प्रदान करने में मदद करने वाले एक गैर सरकारी संगठन के अध्यक्ष के अनुसार, कोटा शहर में पतंग के मांझे से सात पक्षियों की मौत हो गई और 34 अन्य घायल हो गए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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