उत्तरकाशी के सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) भी जुटा हुआ है. मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है. बीआरओ ने मुख्य सड़क से टनल के मुहाने तक जाने के लिए 1150 मीटर लंबी कच्ची सड़क बना दी है. करीब डेढ़ दिन में चौबीसों घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बीआरओ ने इसे तैयार किया है.
इसी सड़क के जरिए टनल के बोरिंग में इस्तेमाल होने वाले भारी उपकरण जा रहे हैं. अब सुरंग के ऊपरी हिस्से से जो वर्टिकल टनल किया जाना है, वहां तक पहुचंने का रास्ता भी बीआरओ बनाएगी.
सूत्रों का कहना है कि वर्टिकल टनल का काम ओएनजीसी को सौंपा गया है. जैसे ही ओएनजीसी टनल की जगह फाइनल कर लेगी, बीआरओ अपना काम शुरू कर देगी.
नीचे से पहाड़ के ऊपरी हिस्से तक टनल के लिए उपकरण पहुंचाना आसान काम नहीं है. बॉर्डर रोड्स के कई उपकरण का इस्तेमाल भी बचाव और राहत अभियान में एजेंसी कर रही है.
बीआरओ के प्रोजेक्ट शिवालिक के तहत सैकड़ों जवान और अफसर इस अभियान में लगे हैं. सेना के बड़े अधिकारियों ने सुरंग का मुआयना कर लिया है, उनको फिलहाल हाई अलर्ट पर रखा गया है.