इस्‍लामिक स्‍टेट से जुड़ने के आरोप में अरेस्‍ट आरिब मजीद को बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने दी जमानत

एनआईए की पूछताछ में आरिब ने जो जानकारी दी थी, उससे आतंकी संगठनों के कई राज का खुलासा हुआ था.

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंबई:

मुंबई के उपनगर कल्याण से सीरिया इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने जाने के आरोपी आरिब मजीद (Areeb Majeed) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) से जमानत (bail) मिल गई है. वर्ष 2014 में कल्याण से 4 युवक लापता हुए थे, कुछ समय बाद पता चला कि वो सभी इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने सीरिया गए है. बाद में उनमें से एक आरिब मजीद को नवंबर 2014 में वापस मुम्बई लाया गया था, तब से वो जेल में था. राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मामले की जांच कर रही है बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को  फैसला सुनाया था. 

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एनआईए की पूछताछ में आरिब ने जो जानकारी दी थी, उससे आतंकी संगठनों के कई राज का खुलासा हुआ था. उसने बताया था कि वह इजराइल और फिलीस्तीन के बीच जारी जंग को जानने के लिए इंटरनेट की कई साइटें खंगाला करता था. उसी दौरान कई मौलवियों की तकरीरें इंटरनेट पर देखीं और सुनी, जिसका उस पर गहरा असर पड़ा. इस सब के चलते उसका इंजीनियरिंग की पढ़ाई में मन लगना बंद हो गया था और वह शरीयत पर चलने वाले इस्लामिक स्‍टेट के बारे में सोचने लगा था.

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आरिब ने बताया था, उसी दौरान फेसबुक पर ताहिरा भट्ट नाम की एक महिला संपर्क में आई, जो दुनिया भर के लोगों को आईएस में शामिल करवाने का काम करती है. उसने ही उन्हें सीरिया जाने का रास्ता बताया और अबू फजल और अबू फातिमा के फोन नंबर दिए. बाद में फातिमा ने इराक के एक शख्स का फोन नंबर दिया था और इराक पंहुचने के बाद उसे फोन करने को कहा था. जियारत के लिए वीजा मिलते ही 22 मई को आरिब घर से ये कहकर निकला था कि दोस्त के घर पढ़ाई करने जा रहा है और दो दिन वहीं रहेगा. बाद में सभी अपने टिकट और वीज़ा लेकर अबुधाबी पहुंच गए और वहां से बगदाद का रास्ता तय किया. बगदाद पहुंचने पर 6 दिन जियारत की वहां से बगदाद वाला फोन मिलाया. लेकिन जब संपर्क नहीं हो पाया तो अबू फतिमा ने टैक्सी से मोसुल आने को कहा था.गौरतलब है कि मई 2014 में कल्याण से चार युवक जियारत के लिए इराक गए थे. बाद में पता चला कि वे अचानक गायब हो गए. लड़कों के ग्रुप से गायब होने की खबर मिलते ही महाराष्ट्र एटीएस हरकत में आ गई थी. 

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