महाराष्ट्र सरकार द्वारा विधानपरिषद के 12 सदस्यों के नॉमिनेशन का मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने राज्यपाल को सीधे निर्देश देने से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस ने कहा कि राज्यपाल उचित समय में सरकार की सिफारिश पर फैसला करें. ये अदालत राज्यपाल को निर्देश जारी नहीं कर सकती है, लेकिन हमें उम्मीद है कि वह जल्द ही इस पर फैसला करेंगे. ये भी कहा कि यदि राज्यपाल को किसी नाम के बारे में कोई आपत्ति है तो राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच चर्चा होनी चाहिए.
बता दें कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि हम राज्यपाल को निर्देश नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा कि आप (याचिकाकर्ता) संविधान के अनुच्छेद 171 के शब्दों पर गौर करें. राज्यपाल कैबिनेट मंत्रियों की सहायता और सलाह पर कार्य करने के लिए संविधान के प्रावधानों से बाध्य हैं. इसके अलावा CJI ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि हम संविधान में संशोधन करें? कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हम यहां राज्यपाल को सलाह देने के लिए नहीं हैं.