अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी (American aerospace company) बोइंग ने बृहस्पतिवार को भारत में लंबी दूरी के समुद्री निगरानी एवं पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान पी-8आई की इंजीनियरिंग, विनिर्माण और रखरखाव क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अपनी योजना की रूपरेखा पेश की. बोइंग की नजर छह अतिरिक्त विमानों के ऑर्डर पर है. फिलहाल भारतीय नौसेना के पास 12 पी-8आई विमान हैं. कंपनी ने कहा कि उसने पहले ही भारतीय नौसेना की सेवा में मौजूदा पी-8आई विमान बेड़े का अनुसमर्थन करने के लिए 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि से एक व्यापक आर्थिक प्रभाव पैदा किया है.
बोइंग ने कहा कि उसकी परिकल्पना है कि पी-8आई बेड़े को 18 विमानों तक बढ़ाने से निवेश में लगभग 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होगी, जबकि 2032 तक भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण के और अवसर उत्पन्न होंगे. बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए बोइंग की प्रतिबद्धता पी-8आई बेड़े के प्रति हमारे समर्पण को प्रेरित करती है.''
उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘भारतीय नौसेना की अधिक पी-8आई विमानों की आवश्यकता पर प्रतिक्रिया के साथ ही हम भारत में भारत और दुनिया के लिए इंजीनियरिंग, विनिर्माण और सतत क्षमताओं को बढ़ाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं, जिससे भारतीय और वैश्विक, दोनों तरह के ग्राहकों को लाभ होगा.'' वर्ष 2013 में शामिल होने के बाद से, 737 अगली पीढ़ी के प्लेटफॉर्म पर आधारित पी-8आई विमान, भारतीय नौसेना के बेड़े का एक अभिन्न अंग बन गए हैं और उच्च मिशन तत्परता दर के साथ 40,000 उड़ान घंटों को पार कर लिया है.
कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि बोइंग ने आईएनएस राजली में अशोक रॉय ट्रेनिंग सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स और कोच्चि प्रशिक्षण कॉम्प्लेक्स की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका उद्घाटन इस साल अप्रैल में हुआ था. भारत के अलावा, इस विमान का संचालन अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया और जर्मनी द्वारा किया जा रहा है.
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