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- आरोपी गगनप्रीत कौर पर गैर इरादतन हत्या और सबूत मिटाने समेत कई आरोप लगाए गए हैं.
- हादसे में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हुई और उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल.
- गगनप्रीत को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया और दिल्ली पुलिस को इस मामले में नोटिस जारी.
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हमें बताएं।बीएमडब्ल्यू हादसे मामले में आरोपी गगनप्रीत की तरफ से जमानत अर्जी दाखिल की गई है. कोर्ट ने गगनप्रीत को दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मामले में में अब दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. कोर्ट 17 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगा. गगनप्रीत कौर की बीएमडब्ल्यू कार ने रविवार 14 सितंबर को दोपहर में एक बाइक को टक्कर मार दी थी. इस हादसे में वित्त मंत्रालय वरिष्ठ सरकारी अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हो गई है. हादसा तब हुआ जब नवजोत अपनी पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारे से वापस लौट रहे थे. एक नजर डालिए इस मामले में सोमवार को हुए 10 बड़े अपडेट्स पर.
केस के 10 बड़े अपडे्टस
- गगनप्रीत पर सोमवार को गैर इरादतन हत्या, सबूत मिटाने और लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज हुआ है. उन्हें इस मामले में एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया गया. जो तस्वीरें आईं उनमें उन्हें जीटीबी नगर के एक अस्पताल से बाहर लाया जाता हुआ दिखाया गया है. यहां उनकी मामूली चोटों का इलाज चल रहा था, और उन्हें पुलिस की गाड़ी में बिठाया गया.
- गगनप्रीत के खिलाफ जिन धाराओं का इस्तेमाल किया गया है उनमें धारा 281 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से गाड़ी चलाना), 125बी (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 105 (गैर इरादतन हत्या) और 238 (अपराध के सबूतों को मिटाना, या अपराधी को बचाने के लिए गलत जानकारी देना) शामिल हैं.
- हादसा दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के धौला कुआं में हुआ और बीएमडब्ल्यू कार चलाने वाली गगनप्रीत को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद गैर इरादतन हत्या और बाकी आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया. 52 वर्षीय नवजोत मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी थे और हरि नगर के रहने वाले थे. उनकी पत्नी संदीप कौर को कई चोटें आईं और उनकी हड्डी टूट गई, जिनका इलाज चल रहा है.
- जो एफआईआर दर्ज हुई है उसके अनुसार 38 साल की गगनप्रीत कौर पीड़ितों को नवजोत सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर को उत्तरी दिल्ली के जीटीबी नगर स्थित न्यूलाइफ अस्पताल ले गईं, जो उनके एक रिश्तेदार का है. यह अस्पताल दुर्घटनास्थल से 19 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है. नवजोत के परिवार ने आरोप लगाया कि जिस छोटे से अस्पताल में सिंह को 'मृत लाया गया' घोषित किया गया था, उसका संबंध आरोपियों से है. परिवार का आरोप है कि गंभीर चोटों के बावजूद गगनप्रीत और उनके पति का इलाज नवजोत और उनकी पत्नी से पहले किया गया था.
- पुलिस सूत्रों की मानें तो गगनप्रीत के पिता अस्पताल के को-ओनर हैं और इस बात की जांच की जा रही है कि क्या मामले को दबाने की कोशिश की गई थी. अस्पताल के अधिकारियों ने कहा है कि सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था, लेकिन मालिकों से गगनप्रीत के संबंध की पुष्टि करने से इनकार कर दिया. सूत्रों के अनुसार, पुलिस को संदेह है कि गगनप्रीत मेडिकल रिपोर्ट सहित सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश में नवजोत और संदीप को न्यूलाइफ अस्पताल लाई थी.
- परीक्षित मक्कड़ की पत्नी गगनप्रीत कौर गुरुग्राम की रहने वाली हैं. दुर्घटना के समय वह और उनके पति, उनके दो बच्चे और एक नौकरानी, बीएमडब्ल्यू में थे. उनके पति को भी मामूली चोटें आईं. नवजोत की भाभी बिट्टी ने कहा, 'अगर उन्हें एम्स, राम मनोहर लोहिया या आर्मी अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी.'
- एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब उनसे पूछा गया कि वह उन्हें पास के किसी अस्पताल में क्यों नहीं ले गईं, तो आरोपी गगनप्रीत कौर ने दावा किया कि वह घबरा गई थीं और उन्हें उस अस्पताल के बारे में सिर्फ इसलिए पता था क्योंकि उनके बच्चों का कोविड-19 महामारी के दौरान वहां इलाज हुआ था.
- पुलिस को दिए अपने बयान में, नवजोत ने कहा कि उन्होंने कौर और उसके पति से बार-बार विनती की थी कि वे उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाएं क्योंकि उसके पति बेहोश थे और उन्हें तुरंत इलाज की जरूरत थी. नवजोत के बेटे ने न्यूलाइफ अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया.
- बेटे ने कहा कि उनकी मां को गंभीर चोटों के बावजूद लॉबी में बैठाया गया, जबकि बीएमडब्ल्यू ड्राइवर के पति, जिन्हें मामूली चोटें आई थीं, को तुरंत भर्ती कर लिया गया. बेटे ने बताया कि बाद में परिवार ने संदीप कौर को बेहतर इलाज के लिए द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया. उन्होंने कहा, 'मेरी माँ, जो एक शिक्षिका हैं, बहुत दुखी हैं और हम भी.'
- जिस अस्पताल में नवजोत को ले जाया गया था वहां के एक डॉक्टर ने मामले को संभालने की कोशिश की और अपना बचाव किया. डॉक्टर का कहना था, '50 साल के एक व्यक्ति को अस्पताल लाते ही मृत घोषित कर दिया गया, जबकि उनकी पत्नी को कई चोटें आई थीं लेकिन उनकी पल्स स्टेबल थी. हमने फर्स्ट एड दी और पुलिस को इनफॉर्म किया और परिवार के अनुरोध पर उन्हें दूसरे अस्पताल में ले जाने की अनुमति दी. कार में सवार दो अन्य मरीजों का भी इलाज किया गया.'