मॉनसून का सीजन अपने साथ-साथ समस्याएं भी लाता है. अगर पहले से मॉनसून से निपटने की तैयारियां न की जाए तो जगह-जगह जलभराव, साफ पानी की कमी जैसी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं. ऐसे में मुंबईकरों को मॉनसून की मार से बचाने के लिए बीएमसी कड़े इंतजाम कर रही है. शहर की सिविक बॉडी इसमें AI (Artificial Intelligence) की सहायता भी ले रही है.
वॉर रूम से होगी निगरानी
बीएमसी यानी बृहनमुंबई नगर पालिका ने नालों की सफाई में पारदर्शिता और निगरानी के लिए अपने मुख्यालय में एक वॉर रूम खोला है. यह वॉर रूम सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक दो शिफ्ट में सफाई कार्यों पर नजर रखेगा. बीएमसी आयुक्त भूषण गगराणी ने बीते दिनों इस वॉर रूम का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. सफाई कार्यों के दौरान हर नाले की तस्वीरें और 30 सेकंड के वीडियो लेना अब अनिवार्य कर दिया गया है. छोटे नालों की सफाई से पहले और बाद की CCTV रिकॉर्डिंग भी अब ज़रूरी होगी. ये सारे फोटो और वीडियो सीधे वॉर रूम में लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए दिखाए जा रहे हैं.
AI करेगा अधिकारियों को अलर्ट
वॉर रूम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से वीडियो की जांच की जाती है ताकि कोई धोखा या गड़बड़ी न हो. अगर किसी ट्रक पर तिरपाल ढकी हो या पुराने वीडियो अपलोड किए जाएं, तो AI खुद अलर्ट करता है. सफाई के दौरान ट्रकों की GPS लोकेशन से पता चलता है कि गाद सही जगह डंप हो रही है या नहीं. अगर किसी ट्रक में सामान्य से ज्यादा या कम गाद हो, तो भी AI उसे पहचानकर रिकॉर्ड करता है. रोजाना कितना गाद निकला, कितने ट्रक लगे, कितनी बार चक्कर लगाए, इन सबका कंप्यूटर से विश्लेषण किया जा रहा है.
पारदर्शिता का रखा गया ध्यान
अगर कोई ठेकेदार तय नियमों के अनुसार मशीन या मजदूर नहीं लगाता, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इसके अलावा गाद निकालने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रखी गई है. नागरिकों के लिए भी यह जानकारी BMC की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाई गई है, ताकि वे जान सकें कि उनके इलाके में कितना गाद निकाला गया है. गाद निकालने से पहले और बाद की तस्वीरें और वीडियो भी आम जनता वॉर रूम डैशबोर्ड पर देख सकती है.
कितने समय मे शुरू होंगी मुंबई के अहम ब्रिज?
- विक्रोली ब्रिज का काम 31 मई तक पूरा होने की संभावना है, जिससे ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे की ट्रैफिक सुगमता बढ़ेगी.
- कार्नैक ब्रिज का निर्माण कार्य 10 जून तक पूरा किया जा सकता है, लेकिन इसका उद्घाटन अप्रोच रोड के काम की प्रगति पर निर्भर करेगा.
- गोखले ब्रिज लगभग तैयार है, ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने कुछ और मरम्मत सुझाई है, लेकिन उम्मीद है कि मई के अंत तक जनता के लिए खोला जाएगा.
- सायन ब्रिज के लिए बीएमसी ने रेलवे को 31 मार्च तक अप्रोच रोड तैयार करने को कहा है, जिसके बाद 45 दिनों में बीएमसी पुल का निर्माण पूरा करेगी.
- महालक्ष्मी ब्रिज के पायलन निर्माण में 200 दिन और रेलवे लाइन पर सेक्शन में 250 दिन लगेंगे, अगर काम समय से हुआ तो यह ब्रिज 30 अक्टूबर 2026 तक चालू हो सकता है.
सड़क निर्माण और प्लानिंग
- 2050 किलोमीटर के लक्ष्य में से 1200 किलोमीटर सड़कों का कंक्रीटीकरण पूरा हो चुका है, जिससे बारिश में गड्ढों की समस्या कम होगी.
- 701 किलोमीटर सड़क का काम वर्तमान में एक साथ चल रहा है, यह अब तक का सबसे बड़ा रोडवर्क प्रोजेक्ट माना जा रहा है.
- फेज 1 - फरवरी 2023 से फरवरी 2027 तक चलेगा
- फेज 2 - अगस्त 2024 से नवंबर 2027 तक चलेगा.
- दोनों फेज मिलाकर मुंबई की अधिकांश सड़कें पक्की और टिकाऊ बनेंगी.
- नई सीमेंट सड़कों की उम्र लगभग 30 साल होगी, जिसमें कुछ नियमित मरम्मत की जरूरत रहेगी.
- इस बार बीएमसी ने टाइमलाइन को निश्चिचत किया है और ठेकेदारों को समयबद्ध काम के निर्देश दिए हैं.
गड्ढे, मैनहोल और ड्रेनेज
- पॉटहोल्स भरने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और मानसून से पहले भरने का लक्ष्य रखा गया है.
- इस बार मरम्मत लागत में 51% की कटौती की गई है, ताकि अधिक इलाकों में कम लागत में काम हो सके.
- नालों की सफाई 31 मई तक पूरी करने का टारगेट रखा गया है, ताकि बारिश के पानी की निकासी बाधित न हो.
- 482 हाई पावर पंपिंग मशीनें पूरे मुंबई में तैनात की गई हैं, ताकि जलभराव की स्थिति में तुरंत निकासी हो सके.
- 7 ज़ोन में 1-2 पोर्टेबल वाहन-माउंटेड मशीनें भी उपलब्ध हैं, जो आपात स्थिति में आसानी से बाढ़ वाले इलाकों तक पहुँचाई जा सकेंगी.
- बीएमसी ने इस साल 10-15% ज़्यादा बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान की है, जिससे पहले से अधिक सतर्कता बरती जाएगी.
मानसून को लेकर बीएमसी की तैयारी और बयान
एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर अभिजीत बंगार ने माना कि जनता की सबसे बड़ी शिकायत यही रहती है कि काम अधूरा रह जाता है, इसलिए इस बार सभी प्रोजेक्ट्स को टाइमलाइन के साथ मॉनिटर किया जा रहा है.बीएमसी इस बार जंक्शन टू जंक्शन सड़कों की मरम्मत मानसून से पहले और बाद में भी जारी रखेगी, जिससे पूरे शहर में एकरूपता आए. बारिश अब अनियमित और अचानक हो रही है, इसलिए बीएमसी की तैयारियाँ पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा सख्त और तकनीकी रूप से मजबूत हैं.