विकसित दिल्‍ली के लिए क्‍या है ब्‍लूप्रिंट... CM रेखा गुप्‍ता ने NDTV को खास बातचीत में बताया

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने कहा कि वह ऐसी दिल्ली बनाना चाहती हैं, जहां लोग छोटी-छोटी परेशानी से न जूझें. बुनियादी सुविधाओं के लिए न तरसें.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता का खास इंटरव्यू

नई दिल्ली:

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने NDTV को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (Delhi CM Rekha Gupta Interview) में अपनी उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दो तरह की उपलब्धियां होती हैं. पहली उस मकाम पर पहुंचना, जहां आप कुछ कर सकें और दूसरा उस मकाम पर पहुंचकर असल में कुछ करने की स्थिति में आना. जिसमें एक उपलब्धि उन्होंने हासिल कर ली है. आज वह एक ऐसी जिम्मेदारी निभा रही हैं जहां वह कुछ कर सकती हैं. लेकिन करके दिखाने वाली उपलब्धि अभी बाकी है. 

दिल्ली आज भी छोटी-छोटी चीजों के लिए तरस रही

सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि वह कैसी दिल्ली का सपना देखती हैं. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने जो भी किया हो लेकिन दिल्ली आज भी छोटी-छोटी चीजों के लिए तरस रही है. किसी भी दिल्ली वाले से बात करने पर वो यही कहता है कि उसके घर में पानी की दिक्कत है. साफ पानी नहीं आ रहा. सीवर लाइन भरा है. सड़क के आगे गड्ढे हैं. नाली ओवर फ्लो है.

दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्टर वर्ल्डक्लास हो

दिल्ली के लोग छोटी-छोटी परेशानियों से तंग हैं. वह पार्क, आसपास के माहौल, और पॉल्युशन लेवल, ट्रेफिक कंजेशन से दुखी हैं. बारिश में पानी भरने की परेशानी से जूझते हैं  पूरी दिल्ली जाम हो जाती है और घंटों तक ट्रैफिक जाम रहता है. दिल्ली के सिस्टम में बहुत ज्यादा कमी है. जबकि राजधानी दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्टर वर्ल्डक्लास होना चाहिए.

Advertisement

CM रेखा गुप्ता ने देखा ऐसी दिल्ली का सपना

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि उनके सपनों की दिल्ली या पीएम मोदी के विजन की दिल्ली को ऐसा होना चाहिए, जहां शिक्षा के लिए बेशुमार अवसर हों. स्वास्थ्य को लेकर कोई भी बिल्कुल परेशान नहीं हो. देश की राजधानी होने के बाद भी अगर बुनियादी सुविधाओं के लिए दिल्ली परेशान है. झुग्गी में रहने वाले लोग खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हों, महिलाओं के लिए नहाने की जगह नहीं है,  ऐसी दिल्ली का सपना तो किसी भी दिल्ली वाले ने नहीं देखा होगा. वह ऐसी दिल्ली बनाना चाहती हैं, जहां ऐसी पेरशानियां न हों.

Advertisement