Delhi Black Fungus Cases: कोरोना महामारी की दूसरी लहर (Corona Second Wave) में तेजी से फैले ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले अब डराने लगे हैं. दिल्ली में कोरोना महामारी (Delhi Corona Cases) की रफ्तार धीमी पड़ी तो यहां ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में इन दिनों कोरोना से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हो रहे हैं. 2000 बेड्स की क्षमता वाले लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में इन दिनों करीब 30 मरीज रोजाना भर्ती हो रहे हैं, जिनमें से 15 से 20 मामले ब्लैक फंगस के होते हैं और 10 से 12 मामले कोरोना के होते हैं.
एनडीटीवी से खास बातचीत में अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया, ''ब्लैक फंगस के मामले बहुत तेजी से सामने आ रहे हैं. 3 से 4 दिन पहले हमारे अस्पताल में 13 ब्लैक फंगस के मरीज एडमिट थे, जबकि आज यह बढ़कर 64 हो चुके हैं. इतने मरीज तो कोरोना के एडमिट नहीं हो रहे जितने ब्लैक फंगस के एडमिट हो रहे हैं''
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बीते सप्ताह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया था कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में विशेष सेंटर बनाए जाएंगे. लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने बताया कि उन्होंने अपने अस्पताल में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए 2 वार्ड बनाए थे, जिनमें 30-30 मरीजों की क्षमता थी, यह दोनों वार्ड अब भर चुके हैं और तीसरा तैयार हो रहा है.
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को जानकारी दी थी कि दिल्ली में इस समय 500 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं. जबकि शुक्रवार को भी जब मुख्यमंत्री से पूछा गया था तो उन्होंने बताया था कि करीब 200 ब्लैक फंगस के मामले सामने आए थे. लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने अपने अस्पताल में एडमिट हुए 64 ब्लैक फंगस के मरीजों का आकलन किया और बताया कि इन मरीजों में केवल दो ही लोकनायक में इलाज करवाने वाले मरीज थे जबकि बाकी सभी मरीज प्राइवेट अस्पतालों से आए हैं या NCR और अन्य जगहों से आए हैं.
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मरीजों के ट्रेंड के बारे में डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि 61 मरीजों का आकलन किया गया. इनमें से 35 मरीजों को अनकंट्रोल्ड डायबिटीज है. इन 35 में से भी पांच वह लोग हैं जिनको पिछले एक हफ्ते में ही पता चला कि उनको डायबिटीज है. इसका कारण कोविड के ट्रीटमेंट में स्टेराइड लेना हो सकता है. ज्यादा स्टेराइड के बाद डायबिटीज की वजह से उनको ब्लैक फंगस ने चपेट में ले लिया.
यह भी देखने को मिला है कि नमी वाले इलाके में रहने वाले लोग इससे ज्यादा ग्रसित हो रहे हैं. जिन लोगों के घरों में सूरज की रोशनी नहीं आती और उन्होंने कोविड का इलाज होम आइसोलेशन में रहकर किया है, साथ ही गीले कपड़े और गंदे मास्क का इस्तेमाल किया है.. ऐसे में लोगों ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है. इसमें सावधानी बरतने की जरूरत होती है मास्क को लगातार 3-4 दिन तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मास्क धोने के बाद सूरज की रोशनी में सुखाना चाहिए. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस के 4 मरीज ऐसे हैं जिन्होंने होम केयर में रहकर कोरोना का इलाज किया और स्टेरॉयड का भी इस्तेमाल किया है.
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