कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चुनावी घोषणापत्र को लेकर रविवार को निशाना साधा और इसे 2017 के उसके वादों का ‘‘कट-कॉपी-पेस्ट'' तथा कांग्रेस के 2022 के चुनावी दस्तावेज से ‘‘कुछ उधार लेकर तैयार किया गया'' बताया. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए रविवार को समान नागरिक संहिता (UCC), सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण और विभिन्न क्षेत्रों के लिए रियायतों का वादा किया.
हिंदुत्व, विकास और कल्याणकारी वादों के मिश्रण वाले ‘संकल्प पत्र' के साथ नड्डा ने महिलाओं के लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया. यह मतदाताओं का वह वर्ग है जहां मुफ्त अनाज, रसोई गैस कनेक्शन और शौचालय की व्यवस्था जैसे उपायों से विभिन्न चुनावों में भाजपा को अनुकूल प्रतिक्रियाएं मिली हैं.
हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और पार्टी नेता अलका लांबा ने भाजपा के घोषणापत्र को ‘‘कट-कॉपी-पेस्ट'' दस्तावेज करार दिया. लांबा ने दावा किया, ‘‘जयराम ठाकुर ने भाजपा के 2017 के घोषणापत्र को कट, कॉपी और पेस्ट किया है और कांग्रेस के 2022 के घोषणापत्र से उधार लिया है.''
शुक्ला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘उनका 2022 का घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है. जब उन्होंने पिछले वादों को पूरा नहीं किया, तो अब क्या करेंगे?'' शुक्ला ने यह भी कहा कि भाजपा के घोषणापत्र में पुरानी पेंशन योजना के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया है, जिसे बहाल करना सरकारी कर्मचारियों की प्रमुख मांग रही है. उन्होंने कहा, ‘‘पुरानी पेंशन योजना एक बड़ी मांग है, लेकिन वे इस बारे में कुछ नहीं कर रहे हैं. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हमारी सरकारों ने इसे लागू किया है.''
हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने की स्थिति में समान नागरिक संहिता लागू करने संबंधी भाजपा के वादे पर शुक्ला ने पूछा कि उसे उत्तराखंड में ऐसा करने से किसने रोका, जहां उन्होंने पूर्व में वादा किया था. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने इसे कहीं भी लागू नहीं किया है, लेकिन चुनाव के समय वे इस तरह के जुमला के साथ सामने आते हैं.''
घोषणापत्र को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए शुक्ला ने कहा, ‘‘पहले वे इसे चार नवंबर को जारी करने वाले थे. फिर किसी ने उन्हें बताया कि कांग्रेस पांच नवंबर को अपना घोषणापत्र जारी कर रही है. उन्होंने हमारे दस्तावेज़ से कुछ बिंदुओं की कॉपी की और उनका उपयोग किया. लेकिन वे यह भूल गए कि उन्होंने 2017 में अपना घोषणापत्र जारी किया था और उन्होंने फिर से कुछ वादों को शामिल किया है जो पहले पूरे नहीं हुए थे.''
शुक्ला ने आरोप लगाया, ‘‘इसलिए, उन्होंने 2017 के अपने ही घोषणापत्र और कांग्रेस के वर्तमान चुनावी घोषणापत्र की कॉपी की. उन्होंने 2017 में न तो वादों को पूरा किया और न ही वे अब ऐसा करने जा रहे हैं, वे केवल लोगों को गुमराह करते हैं.'' शुक्ला ने कहा कि 2017 में भाजपा ने वादा किया था कि सभी गांवों को सड़कों से जोड़ा जाएगा, लेकिन उसने कुछ नहीं किया और अब वादा दोहराया है.
उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा ने पिछली बार स्टार्ट-अप कोष का वादा किया था और पांच साल तक कुछ नहीं किया. अब जब उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र में 680 करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड की बात देखी तो उन्होंने फिर से यह वादा किया.'' शुक्ला ने कहा कि 2017 में भाजपा ने युवाओं को एक जीबी डेटा मुफ्त देने का वादा किया था, लेकिन उसने इसे पूरा नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने 2022 के अपने घोषणापत्र में पांच लाख नौकरियों का वादा किया है, जिसमें से एक लाख सरकारी नौकरियां होंगी. भाजपा ने चरणबद्ध तरीके से रोजगार के आठ लाख अवसर पैदा करने का वादा किया है. उन्होंने इसे समयबद्ध नहीं बनाया है. इसलिए, यह सिर्फ एक जुमला है.'' कांग्रेस नेता ने सवाल किया भाजपा ने कहा है कि सेब उत्पादकों के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 12 प्रतिशत तक सीमित रहेगा, लेकिन वे जीएसटी को खत्म क्यों नहीं कर रहे हैं.
पुरानी पेंशन योजना के बारे में अलका लांबा ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने केंद्र की मदद के बिना इसे लागू किया है और लाभार्थियों को लाभ मिल रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर हम इसे हिमाचल प्रदेश में भी लागू कर देंगे.''
एक सवाल पर शुक्ला ने कहा कि राज्य में जीत एक बड़ा संदेश देगी क्योंकि ‘निरंकुश शासन को रोकना महत्वपूर्ण है.' यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के चुनावी वादों को पूरा करने के लिए संसाधन कहां से जुटाए जाएंगे, उन्होंने कहा, ‘‘हमने बिंदुवार बताया है कि हम राजस्व कैसे उत्पन्न करना चाहते हैं.''
भाजपा नेताओं द्वारा अपने भाषणों में राम मंदिर का उल्लेख करने के बारे में शुक्ला ने कहा, ‘‘हमारा शुरू से ही एक रुख था कि अगर उच्चतम न्यायालय का आदेश आता है तो एक भव्य राम मंदिर बनाया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत द्वारा इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के बाद हमने इसका स्वागत किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘हम भगवान राम के नाम पर वोट नहीं मांगते हैं. जब चुनाव नजदीक होते हैं तो वे (भाजपा) राम मंदिर का मुद्दा उठाते हैं.''
भाजपा पर महंगाई जैसे मुद्दों पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए लांबा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर 9.2 फीसदी है और 14 लाख लोग बेरोजगार हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन भाजपा चरणबद्ध तरीके से रोजगार के अवसर पैदा करने की बात कर रही है.