‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव'' (One Nation, One Election) के विषय पर भाजपा (BJP) आने वाले कुछ दिनों में 25 से अधिक वेबिनार का आयोजन करेगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) सभी चुनाव एक साथ कराये जाने की जोरदार वकालत करते रहे हैं और इसके मद्देनजर पार्टी का प्रयास ऐसे आयोजनों के माध्यम से इसके पक्ष में देशभर में व्यापक समर्थन जुटाने का है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, डिजिटल माध्यम से आयोजित होने वाले इन वेबिनार कार्यक्रमों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अलावा शिक्षा और कानून जगत की प्रमुख हस्तियों को जोड़ा जाएगा. ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव'' का तात्पर्य स्थानीय निकायों से लेकर विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराना है.
पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘‘इस महीने के अंत तक हम 25 से अधिक वेबिनार का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं.''
वर्ष 2014 में सत्ता के आने के बाद मोदी एक ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव'' के विचार पर बल देते हुए इसकी पुरजोर वकालत करते रहे हैं. उनका मानना है कि आए दिन चुनाव होने से विकास की प्रक्रिया बाधित होती है.
हाल ही में पीठासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव'' के विचार पर खासा बल दिया था और इसे भारत की आवश्यकता बताया था. उन्होंने कहा था, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव सिर्फ एक चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि ये भारत की जरूरत है. हर कुछ महीने में भारत में कहीं न कहीं बड़े चुनाव हो रहे होते हैं. इससे विकास के कार्यों पर जो प्रभाव पड़ता है, उसे आप सब भली-भांति जानते हैं. ऐसे में इस मुद्दे पर गहन अध्ययन और मंथन आवश्यक है.''
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति बी एस चौहान के तहत विधि आयोग ने कुछ साल पहले यह सिफारिश की थी कि सरकारी धन बचाने के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए.हालांकि, कानून मंत्रालय को सौंपे गए मसौदे में आगाह किया गया था कि संविधान की मौजूदा व्यवस्था के अंदर एक साथ चुनाव कराए जाने संभव नहीं हैं. आयोग ने संविधान और निर्वाचन कानूनों में संशोधन की सिफारिश की थी.