कोलकाता में अभिनेता अमिताभ बच्चन के बयान - "अभिव्यक्ति की आजादी पर उठाए जा रहे सवाल" - से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच ट्विटर पर एक बहस छिड़ गई है. दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. शाहरुख खान की आगामी फिल्म 'पठान' के खिलाफ भाजपा नेताओं के बहिष्कार के ऐलान के बाद यह बहस शुरू हुई है. शाहरुख खान हालही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कोलकाता फिल्म समारोह में मंच पर थे.
तृणमूल सांसद नुसरत जहां ने शुक्रवार को भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर पलटवार किया. जिन्होंने ट्वीट किया था, "अमिताभ बच्चन के शब्द इससे अधिक दैवीय नहीं हो सकते थे, क्योंकि वे मंच पर ममता बनर्जी के सामने कोलकाता में मंच पर बोले गए थे. यह एक अत्याचारी को आईना पकड़ने जैसा है."
जहां ने इस पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, "अत्याचारी शासन के संकेतों में फिल्मों पर प्रतिबंध लगाना, पत्रकारों को हिरासत में लेना और आम लोगों को सच बोलने के लिए सजा देना शामिल है."
साथ ही उन्होंने कहा, 'भाजपा आजादी पर अंकुश लगा रही है, जबकि मालवीय दूसरों पर आरोप लगाने में बिजी हैं."
अमिताभ बच्चन, किसी भी विवादास्पद चीज़ से बचने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने गुरुवार को ब्रिटिश युग की सेंसरशिप और सांप्रदायिकता के बारे में बात की. इसके दौरान शाहरुख खान मंच पर उनके साथ मौजूद थे. अमिताभ बच्चन ने कहा, "अब भी - और मुझे भरोसा है कि मंच पर मेरे सहयोगी सहमत होंगे - नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए जा रहे हैं."
मालवीय ने तुरंत एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी के साथ बयान को शेयर किया जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी को "अत्याचारी जिनकी निगरानी में भारत ने चुनाव के बाद की खूनी हिंसा देखी" कहा. पश्चिम बंगाल में पिछले साल के कड़े चुनावी मुकाबले के बाद, भाजपा तृणमूल कार्यकर्ताओं पर पार्टी समर्थकों पर हमला करने का आरोप लगाती रही है.
बता दें, बीजेपी और अन्य हिंदुत्व संगठनों ने शाहरुख खान की आने वाली मूवी 'पठान' का बहिष्कार करने का आह्वान किया है. 'बेशर्म रंग' गाने में हिंदू अभिनेत्री और मुस्लिम अभिनेता की जोड़ी और उनकी "भगवा" और "हरी" पोशाक की ओर इशारा करते हुए इसे "लव जिहाद" करार दे रहे हैं. भाजपा शासित मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में, इसके नेताओं ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है.
फिल्म निर्माताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन शाहरुख खान गुरुवार को कोलकाता फिल्म समारोह में अपने भाषण में इस पर बोलते हुए दिखाई दिए. उन्होंने कहा, "आज के वक्त में सोशल मीडिया द्वारा एक कलेक्टिव नरेटिव दिया जाता है. इस विश्वास के विपरीत कि सोशल मीडिया सिनेमा को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा, मेरा मानना है कि सिनेमा को अब और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है."