दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करके बीजेपी में खुशी की लहर है. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम पार्टी मुख्यालय पहुंचे. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये जीत ऐतिहासिक है. इस दौरान उन्होंने खासतौर पर युवाओं से एक अपील भी की. पीएम मोदी ने 1 लाख युवाओं को राजनीति में आने का आह्वान किया.
युवाओं से PM मोदी ने की ये अपील
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने एक लाख युवाओं से राजनीति में आगे बढ़ने का आग्रह किया है क्योंकि देश को वास्तव में एक गंभीर राजनीतिक परिवर्तन की आवश्यकता है. 'विकसित भारत' के लिए नई ऊर्जा की आवश्यकता है. 21वीं सदी की राजनीति को नए विचारों, नए उत्साह और नवीन सोच की आवश्यकता है. सफलता और विफलता अपनी जगह है, लेकिन देश को छल और मूर्खता की राजनीति की जरूरत नहीं है. विकसित भारत के निर्माण के लिए हमें राजनीति में ताजगी लानी होगी, हर स्तर पर नवीनता लानी होगी. यह जीत हमारे लिए नई जिम्मेदारियां लेकर आई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर युवा राजनीति में नहीं आएंगे, तो ऐसे लोग राजनीति पर कब्जा कर लेंगे. देश का तेजस्वी युवा अगर राजनीति में नहीं आएगा तो देश धूर्तता और मूर्खता की राजनीति में फंस जाएगा.
PM मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग आज उत्साह से भरे हुए हैं. उन्हें आज राहत मिली है क्योंकि दिल्ली अब 'आप-दा' से मुक्त हो गई है. मैंने दिल्लीवासियों को एक पत्र भेजा था, जिसमें मैंने उनसे आग्रह किया था कि वे 21वीं सदी में भाजपा को उनकी सेवा करने का मौका दें और दिल्ली को भारत की 'विकसित' राजधानी बनाएं.
'प्यार और विश्वास उनके ऊपर कर्ज'
पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली के लोगों का प्यार और विश्वास उनके ऊपर कर्ज है. अब दिल्ली की 'डबल इंजन' सरकार शहर के विकास को दोगुनी गति से आगे बढ़ाएगी. आज दिल्ली की जनता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली के असली और एकमात्र मालिक यहां के नागरिक ही हैं. दिल्ली को एक दशक की 'आप-दा' से मुक्ति मिल गई है. दिल्ली का जनादेश स्पष्ट और सकारात्मक है. आज विकास की जीत हुई है और दिखावा, अराजकता, अहंकार की पराजय हुई है.
पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति का अध्ययन करने वालों के लिए मैं आज एक काम छोड़ रहा हूं. देखिए कि कैसे 2014 के बाद उन्होंने हिंदू दिखने की कोशिश में पांच साल बिताए. मंदिरों में जाना, माला पहनना, पूजा करना जैसे प्रयास किए. उन्हें लगा कि इससे उन्हें बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने में मदद मिलेगी, लेकिन उनकी योजना विफल रही. पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने वह रास्ता छोड़ दिया है. उन्हें एहसास हो गया है कि यह बीजेपी का क्षेत्र है और वे इसमें कदम नहीं रख सकते. आज कांग्रेस देशहित की नहीं, अर्बन नक्सलियों की राजनीति कर रही है. जब कांग्रेस नेता कहते हैं कि वे भारत के खिलाफ, भारतीय सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं, तो वे नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं. यह समाज और देश में अराजकता पैदा करने की भाषा है. यहां दिल्ली में 'आप-दा' भी उसी शहरी नक्सली विचारधारा को बढ़ावा दे रही थी.