भारतीय जनता पार्टी आगामी नगालैंड विधानसभा चुनाव नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन में लड़ेगी. इसके तहत एनडीपीपी के खाते में 40 और भाजपा के खाते में 20 सीटें गई हैं. राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को चुनाव होगा. भाजपा ने इन 20 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी. पार्टी की नगालैंड इकाई के अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलॉन्ग को पार्टी ने अलोंगटाकी सीट से उम्मीदवार बनाया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी और जेपी नड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया था. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सीईसी के सभी सदस्य भी उपस्थित थे.
पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के नगालैंड प्रभारी नलीन कोहली, राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा और प्रदेश अध्यक्ष अलॉन्ग ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की.
अलॉन्ग ने कहा कि सीईसी की बैठक में तय हुआ है कि 2023 के नगालैंड विधानसभा चुनाव में भाजपा और एनडीपीपी साथ लड़ेंगे और इसके तहत एनडीपीपी 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और भाजपा 20 सीटों पर लड़ेगी.
कोहली ने कहा कि भाजपा ने जिन 20 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से 11 सीटों पर पार्टी के वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है. पार्टी ने एक मौजूदा विधायक का टिकट कटा है. उन्होंने बताया कि 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले चार उम्मीदवारों को फिर से टिकट दिया गया है, जबकि पांच नए चेहरों को मैदान में उतारा गया है.
नगालैंड में नई विधानसभा के गठन के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती दो मार्च को होगी. नामांकन पत्र दाखिल कराने की आखिरी तारीख सात फरवरी होगी, जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 10 फरवरी होगी. नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है.
राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 13,09,651 है. नगालैंड में वर्तमान में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) सत्ता में है. वर्तमान में राज्य विधानसभा में कुल 59 सदस्य है. इनमें एनडीपीपी के 41, भाजपा के 12, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार, तथा दो निर्दलीय सदस्य हैं, जबकि एक सीट फिलहाल रिक्त है.
पिछले विधानसभा चुनाव में नगालैंड में किसी दल को बहुमत नहीं मिला था. पूर्व मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग के नेतृत्व वाला एनपीएफ 26 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा। इस चुनाव में वरिष्ठ नेता नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाले एनडीपीपी को 17 और भाजपा को 12 सीटों पर जीत हासिल हुई.
बाद में भाजपा और एनडीपीपी ने जनता दल यूनाइटेड और कुछ अन्य दलों के सहयोग से राज्य में सरकार बनाई और नेफ्यू रियो चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने.