भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अपनी पार्टी के ही सांसद कंगना रनौत के बयान को बेतुबा बता रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि उनका यह बयान तर्क से परे है. किसान कानून को लेकर कंगना रनौत ने बीते दिनों कहा था कि सरकार को चाहिए को वह तीनों को कानूनों को फिर वापस से लागू करे. हालांकि, उन्होंने इस बयान के तुरंत बाद ही अपने इस बयान को लेकर माफी भी मांगी थी. कंगना रनौत के इस बयान से पार्टी (बीजेपी) ने भी आधिकारिक तौर पर खुदको अलग कर लिया था. पार्टी की तरफ से इस बयान पर आपत्ति जताने के बाद कंगना रनौत ने कहा था कि यह उनका निजी बयान है.
कंगना के बयान का समर्थन नहीं-बीजेपी
बीजेपी नेता गौरव भाटिया के कंगना के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कंगना की ओर से कृषि कानूनों पर दिया गया बयान उनका व्यक्तिगत विचार है. वह बीजेपी की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं. इस पर कंगना ने भी सफाई दी है. गौरव भाटिया ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कृषि बिलों पर कंगना रनौत के बयान को बीजेपी समर्थन नहीं करती है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह उनका निजी बयान है. कंगना रनौत बीजेपी की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर बीजेपी के दृष्टिकोण को नहीं दिखाता है. हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं.
एक महीने में दूसरी बार अपने बयान से पार्टी को किया असहज
इस तरह का यह कोई पहला मौका नहीं है जब सांसद कंगना रनौत के बयान से पार्टी ने असहज महसूस किया हो. बीते एक महीने में ऐसा दूसरी बार हुआ है. पिछली बार कंगना रनौत ने कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन को भारत में बांग्लादेश की तरफ सत्ता परिवर्तन की साजिश करार दिया था. आंदोलन के दौरान रेप और हत्या के आरोप भी लगाए थे.उनके इस बयान से बीजेपी ने सिर्फ कंगना के बयान से किनारा किया बल्कि उन्हें आगे से सोच समझकर बयान देने की नसीहत भी दी.
कंगना ने अपने बयान को बताया था निजी विचार
अपने बयान की चारों तरफ से हो रहे विरोध को देखते हुए कंगना रनौत ने कहा था कि ये मेरा निजी विचार है. इससे मेरी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. अपने बयान पर सफाई देते हुए एक ट्वीट भी किया था. उन्होंने लिखा था कि बिल्कुल, कृषि कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं. वह उन बिलों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं. धन्यवाद.