दिल्ली नगर निगम चुनाव में बीजेपी की सबसे ज्यादा सिरदर्दी बागियों ने बढ़ा रखी है. हालांकि बीजेपी बागियों को मनाने में जुटी है, लेकिन दो दर्जन से ज्यादा वार्डों में बीजेपी के बागी चुनावी समीकरण बिगाड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं. बताया जाता है कि वो बीजेपी के टिकट बांटने की प्रक्रिया से नाराज हैं. नगर निगम चुनाव के मद्देनजर बीजेपी दूसरी पार्टी के नेताओं को भी शामिल कर रही है.
खानपुर वार्ड की ही बात करें तो बीजेपी के पूर्व मेयर खुशीराम, खानपुर के निवर्तमान बीजेपी पार्षद संजय गुप्ता, बीजेपी के दो बार के पार्षद सतेंद्र चौधरी जैसे कई नेता अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर रहे हैं. सतेंद्र चौधरी सांसद रमेश बिधूड़ी के खासे नजदीकी माने जाते हैं, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने खानपुर वार्ड से बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ अपनी भाभी पुष्पा चौधरी को चुनावी मैदान में उतार दिया है.
सतेंद्र चौधरी ने कहा कि पिछली बार मुझे टिकट नहीं मिला. सुरेश जी को मिला था, ये भी जीते थे. लेकिन इस बार ऐसा क्या हो गया कि न तो मुझे और ना ही सुरेश जी को टिकट दिया गया. कम से कम हमसे पूछ तो लेते टिकट देने से पहले. इस बार बीजेपी का उम्मीदवार हारेगा.
वहीं पूर्व बीजेपी मेयर खुशीराम ने कहा कि हमें दुख है कि हम पार्टी के खिलाफ खड़े हैं, 15 साल से बीजेपी यहां से जीत रही थी. लेकिन इस बार ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया गया है, ताकि बीजेपी हारे. ऊपर कुछ ऐसे लोग बैठे हैं जो ये नहीं चाहते हैं कि निगम में बीजेपी की जीत हो.
यही नहीं बसंत कुंज वार्ड में भी बीजेपी उम्मीदवार के सियासी रास्ते में रुकावट डालने के लिए बीजेपी के ही पूर्व पार्षद मनोज महलावत भी चुनावी मैदान में हैं. एनसीपी के टिकट पर अब ये अपने कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव जीतने के लिए रणनीति बना रहे हैं. हालांकि कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने के लिए इस बार बीजेपी का दावा है कि पोलिंग कराकर उम्मीदवारों का चयन हुआ है. लेकिन मनोज इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं.
मनोज महलावत ने कहा कि कुछ प्रक्रिया जमीन पर होकर रह जाती है. ऊपर बस ये हो जाता है कि तुम्हारी इतनी, मेरी इतनी सब ऐसे ही हो जाता है.
पूर्व पार्षदों की नाराजगी से बचने के लिए पिछले निगम चुनाव में सभी पार्षदों के टिकट काटकर नए लोगों को मौका दिया था. लेकिन इस बार 52 पूर्व पार्षदों को दोबारा टिकट मिला. साथ ही 9 पूर्व मेयर और 3 विधानसभा चुनाव लड़ चुके लोगों को भी बीजेपी ने मौका दिया है. लेकिन इस बार दो दर्जन से ज्यादा वार्ड हैं, जहां बीजेपी के बागियों ने नामांकन दाखिल किया है. हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष इसे भी बीजेपी की लोकप्रियता का प्रतीक मान रहे हैं.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि बीजेपी कॉडर बेस पार्टी है. कई कार्यकर्ता चाहते हैं कि वो चुनाव लड़ें, बीजेपी की लोकप्रियता है कि वो चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि वो नॉमिनेशन वापस ले लें.
बीजेपी भले ये दावा करे कि दूसरी पार्टी के लोग लगातार पार्टी में शामिल हो रहे हैं, लेकिन उसके अपने ही तमाम कार्यकर्ता टिकट बंटवारे से नाराज दिख रहे हैं. अपने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाना बीजेपी के लिए सियासी चुनौती है.