- असम विधानसभा चुनाव 2026 के लिए BJP ने तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा यहां 100+ सीटों के लक्ष्य पर काम कर रही है.
- CM हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में संगठनात्मक मजबूती, युवा और महिला उम्मीदवारों पर ध्यान दिया जा रहा है.
- बीजेपी ने पंचायत चुनावों में मजबूत प्रदर्शन कर ग्रामीण आधार मजबूत किया और बूथ-स्तरीय तैयारी पर फोकस बढ़ाया है.
Assam Assembly Elections 2026: बिहार चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) अगले साल दूसरे राज्यों में होने वाले चुनाव की तैयारी में लग चुकी है. 2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होना है. इसमें सबसे पहले असम में चुनाव होगा. असम के विधानसभा चुनाव के लिए अभी 3-4 महीने का समय बाकी है. लेकिन सत्तारूढ़ BJP चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है. बीजेपी असम में लगातार जीत का हैट्रिक लगाने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है. अभी BJP-NDA के पास 84 सीटें हैं और पार्टी अब 100+ सीटों का टारगेट लेकर चल रही है.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में बीजेपी ने संगठनात्मक मजबूती, युवा-महिला उम्मीदवारों पर फोकस, और जनसांख्यिकीय चुनौतियों से निपटने की रणनीति तैयार की है.
1. सीट बंटवारा और उम्मीदवारों का चयन
103 सीटों पर फोकस
डिलिमिटेशन के बाद असम की 126 सीटों में से जनसांख्यिकीय पैटर्न हिंदू-असमिया बहुल क्षेत्र के आधार पर बीजेपी और सहयोगी एजीपी, यूपीपीएल, बीपीएफ103 सीटों पर मजबूत हैं.बाकी 23 मुस्लिम-बहुल सीटों पहले 30 थीं, अब घटीं हैं लेकिन बीजेपी और एनडीए के लिए चुनौती है, बीजेपी 6 ऐसी सीटों को टारगेट कर रही है जिसपर वो कमजोर है.
नए चेहरे, युवा-महिलाएं
एंटी-इनकंबेंसी से बचने के लिए कई मौजूदा विधायकों यहां तक कि एक मंत्री का टिकट कट सकता है.युवा और महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी, खासकर नई बनी 10-15 सीटों पर.सितंबर 2025 के बोडोलैंड चुनावों में उम्मीदवार चयन का फॉर्मूला इसी पर आधारित था.
सहयोगी दलों के साथ समन्वय
एजीपी, बीपीएफ, यूपीपीएल के साथ नई रणनीति बनाई जा रही हैं. जैसे बोडोलैंड में बीपीएफ को फिर शामिल किया गया है.
2. संगठनात्मक तैयारी और ग्रासरूट मजबूती
बीजेपी का पुराना फार्मूला बूथ-लेवल फोकस
जून 2025 से सात-चरणीय प्लान शुरू हो चुका है .चिंतन बैठकें जैसे गुवाहाटी में बी.एल. संतोष की अगुवाई में 18 सदस्यीय कोर कमेटी बनीं.पंचायत चुनावों मई 2025 में 301/397 जिला परिषद की सीटें जीतकर ग्रामीण आधार को मजबूत किया गया.
सर्वे और रिव्यू
असम में बीजेपी एनडीए के अब तक तीन आंतरिक सर्वे हो चुके, जहां एंटी-इनकंबेंसी के पॉकेट्स पहचाने गए. राष्ट्रीय नेतृत्व अमित शाह, जे.पी. नड्डा की मीटिंग्स में मेनिफेस्टो पर चर्चा भी हुई है लेकिन अभी कुछ तय नहीं हुआ है.
छोटे चुनावों का इस्तेमाल
बोडोलैंड सितंबर 2025, मिसिंग ऑटोनॉमस काउंसिल में ‘विक्ट्री स्ट्रैटेजी' टेस्ट हो चुकी है. पंचायत जीत ने 100+ सीटों का लक्ष्य मजबूत किया. बीजेपी को स्थानीय चुनावों में अपनी रणनीति के तहत काम करने पर सफलता मिल रही है.
मुख्य मुद्दे और कैंपेन पर फोकस
विकास और कल्याण योजनाएं
स्वास्थ्य 18 नए मेडिकल कॉलेज, AIIMS, शिक्षा 50,000+ शिक्षक भर्ती, 10,000 स्कूल, पोषण ओरुणोदोई से 27 लाख परिवारों को सहायता, बाढ़ नियंत्रण, ड्रग कंट्रोल, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सेमीकंडक्टर प्लांट.युवाओं के लिए स्टार्टअप, डिजिटल इंडिया.
पहचान और सुरक्षा
‘आदिवासी बनाम मिया-मुस्लिम' नैरेटिव.अवैध घुसपैठ, NRC, CAA पर जोर.लोअर असम में ‘मिया' वोटर्स को दबाव में रखना, ताकि वे आगे न बढ़ें.असमिया मुस्लिम वोटर्स से समर्थन, लेकिन ‘मिया' पूर्वी बंगाल मूल से नहीं.
विपक्ष पर हमला: कांग्रेस को ‘घुसपैठिए समर्थक' बताना.विपक्ष की एकता असम सोनमिलित मोर्चा को चुनौती.
4. चुनौतियां और विपक्ष की तैयारी
एनडीए के सामने चुनौतियां भी हैं, 23 मुस्लिम-बहुल सीटें, एंटी-इनकंबेंसी, बोडोलैंड जैसे क्षेत्रों में सहयोगी दलों का दबाव. विपक्ष कांग्रेस, एआईयूडीएफ, रायजोर दल एकजुट हो रहे हैं. 29,000 BLA ट्रेनिंग, वोटर लिस्ट जांच.ये एनडीए को चुनाव के दौरान परेशान कर सकते हैं.
हिमंत बिस्वा सरमा की क्या भूमिका होगी?
असम 2026 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रणनीति के केंद्र में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बीजेपी के लिए न केवल राज्य के चेहरे हैं, बल्कि 2026 विधानसभा चुनावों की रणनीति के प्रमुख सूत्रधार भी हैं .पूर्व कांग्रेस नेता से बीजेपी में आने के बाद उन्होंने असम को ‘हिंदुत्व + विकास' मॉडल पर चलाया, जो अब तीसरी बार लगातार जीत का आधार बनेगा.सरमा का नेतृत्व एनडीए को 100+ सीटों का लक्ष्य दिलाने का दावा कर रहा है, लेकिन उनकी भूमिका ध्रुवीकरण, संगठन मजबूती और विपक्ष पर हमले पर केंद्रित है.
रणनीतिक नेतृत्व और संगठनात्मक भूमिका
- सरमा ने नवंबर 2025 में बीजेपी की स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया, जिसकी अगुवाई वे खुद कर रहे हैं.यह कमेटी बूथ-लेवल तैयारी, सर्वे और कैंपेन पर फोकस करेगी.
- एनडीए इस बार मौजूदा विधायकों यहां तक कि मंत्रियों के टिकट काट सकती हैं. बीजेपी अपना सर्वे करवा चुकी है उसी के आधार पर इस बार कितने विधायकों के टिकट कटेंगे इस पर फैसला होगा.
- बोडोलैंड और पंचायत चुनावों में सरमा ने अभियान की अगुवाई की, जहां एनडीए ने 301/397 जिला सीटें जीतीं.यह 2026 की ‘विक्ट्री स्ट्रैटेजी' का ट्रायल था.
- सरमा उपलब्धियों जैसे ओरुणोदोई से 27 लाख महिलाओं को सहायता, 18 मेडिकल कॉलेज, बाढ़ नियंत्रण, सेमीकंडक्टर प्लांट को हाईलाइट करेंगे.
- कैंपेन में ‘सुरक्षा + समृद्धि' पर फोकस, खासकर युवाओं के लिए स्टार्टअप और डिजिटल योजनाएं को चुनाव में मुद्दा बनाएंगे.
- ‘आदिवासी vs मुस्लिम' नैरेटिव पर जोर होगा. नवंबर 2025 में सरमा ने कहा, “मियां एकजुट वोट करते हैं, हमारे वोट बिखरे हैं, एकजुट होकर दबाव बनाओ.”
- अवैध घुसपैठ, NRC, CAA पर हमला. 6 मुस्लिम-बहुल सीटों जैसे समागुड़ी, करीमगंज को टारगेट, जहां बीजेपी ने बाय-इलेक्शन में 65% अल्पसंख्यक वोट लिए.
बीजेपी ने जिस तरीके से बिहार चुनाव में जीत हासिल की है, उससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. बीजेपी इसी मनोबल का बढ़ाए रखते हुए लगातार चुनावी तैयारियों में आगे बढ़ रही है, अब बीजेपी का फोकस अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर बंगाल और असम को फतह करने का है.
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