चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन में स्पष्ट जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब अपने दम पर 12 राज्यों में सत्ता में होगी, जबकि दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हारने के बाद तीन राज्यों में सिमट जाएगी. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा शासित राज्यों में अब 543 लोकसभा सीटों में से लगभग आधी सीटें होंगी, जबकि केवल दो राज्य जहां 50 से कम लोकसभा सीटें हैं, अब उन दलों द्वारा शासित हैं जो राजग या विपक्षी दलों के ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस' यानी ‘इंडिया' गठबंधन के साथ नहीं हैं.
दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकार के साथ आम आदमी पार्टी (आप) राष्ट्रीय दलों में तीसरे स्थान पर है.
कांग्रेस अब अपने दम पर तीन राज्यों - कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में ही सत्ता में रह जाएगी. तेलंगाना में कांग्रेस अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को हराकर जीत की राह पर है.
कांग्रेस बिहार और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का भी हिस्सा है. तमिलनाडु में शासन करने वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की वह सहयोगी है, हालांकि राज्य सरकार का हिस्सा नहीं है.
आप नेता जैस्मीन शाह ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज के परिणामों के बाद, आम आदमी पार्टी दो राज्य सरकारों - पंजाब और दिल्ली के साथ उत्तर भारत में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी है.''
वर्तमान में भारत में छह राष्ट्रीय दल - भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और आप हैं.
चूंकि इस दौर में कई मौजूदा सांसदों ने विधानसभा चुनाव लड़ा है, इसलिए लोकसभा की उन सीट के खाली होने की उम्मीद है. हालांकि, चूंकि आम चुनाव अगले साल होने हैं, इसलिए विधायक के रूप में चुने जाने पर सांसदों के सीट खाली करने पर भी कोई उपचुनाव नहीं होगा.