भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) ने सोमवार को अपने वो बयान 'बिना किसी शर्त के वापस' ले लिए, जिसमें उन्होंने हिंदू पुनरुत्थान और 'भारत के इतिहास में' कभी न कभी 'हिंदू धर्म से दूसरे धर्मों में धर्मांतरण करने वालों को वापस हिंदू धर्म में लाने' की बात कही थी. तेजस्वी सूर्या का यह वीडियो वायरल हो रहा था और इसपर भी विवाद शुरू हो रहा है, जिसके बाद आज उन्होंने ट्वीट कर अपने बयान वापस लेने की घोषणा की. उनका यह बयान तब आया है, जब पिछले हफ्ते से हेट स्पीच की घटनाओं को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है.
बीजेपी सांसद ने आज अपने ट्वीट में लिखा, 'दो दिन पहले उडुपी के श्री कृष्णा मठ में हुए एक कार्यक्रम में मैंने 'भारत में हिंद पुनरुत्थान' विषय पर बात की थी. खेदजनक है कि मेरे भाषण के दौरान की कुछ टिप्पणियां विवाद में बदल गई हैं, इसलिए मैं बिना किसी शर्त के अपने बयान वापस लेता हूं.'
ये भी पढ़ें- VIDEO: हरिद्वार की धर्म संसद में हेट स्पीच पर NDTV से बोले प्रबोधानंद गिरी, "मैं अपने बयान पर कायम हूं"
बता दें कि शनिवार को कर्नाटक बीजेपी के नेता ने कहा था कि जो लोग अपने 'मातृ धर्म' को छोड़कर गए, उन्हें सबसे पहले वापस लाया जाना चाहिए. और इस गड़बड़ी के खिलाफ 'अकेला संभव समाधान है.' उन्होंने कहा, 'हिंदुओं को उनके मातृ धर्म से दूर कर दिया गया. इसका बस एक ही विकल्प है. भारत के इतिहास में जिन लोगों ने सामाजिक-राजनीतिक या आर्थिक कारणों से अपने मातृ धम को छोड़ा है, उन्हें वापस हिंदू धर्म में, उनके मातृ धर्म में लाना होगा.'
तेजस्वी सूर्या ने अपने बयान के दौरान यह भी कहा कि मठों और मंदिरों को सालाना टारगेट दिया जाना चाहिए, जिसमें हिंदू धर्म छोड़ने वालों का वापस से धर्मांतरण होना चाहिए.
गौर करने लायक बात है कि बेंगलुरु साउथ से बीजेपी सांसद का यह बयान तब आया है जब अभी पिछले हफ्ते ही कर्नाटक की विधानसभा में धर्मातरण-रोधी बिल विपक्ष के तीखे विरोध के बीच पास हुआ है.
पिछले हफ्ते उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई एक 'धर्म संसद' में भी हेट स्पीच का मामला आया था. इसमें हत्या, हमलों के लिए उकसाने जैसे बयान दिए गए थे. बीजेपी के सांसद अश्विनी उपाध्याय भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे और जानकारी मिली थी कि इसमें 'भगवा संविधान' की प्रतियां बांटी गई थीं.