भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नाराज सांसद मनसुख भाई वसावा (63) ने पार्टी से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. मनसुख भाई ने आज (बुधवार) गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) से मुलाकात की. कल वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल (CR Patil) से मिले थे. बताया जा रहा है कि वसावा की कुछ मुद्दों पर नाराजगी थी, जिसे दूर कर लिया गया है.
गुजरात के जनजाति बहुल भरूच से 6 बार सांसद रहे मनसुख भाई वसावा के कल पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान करते ही गुजरात की राजनीति में हड़कंप मच गया था. उन्होंने कहा था कि सरकार या पार्टी के साथ उनका कोई मुद्दा नहीं है और वह स्वास्थ्य कारणों से पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में पारिस्थितिकी संवेदनेशील क्षेत्र घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले के चलते वह पार्टी छोड़ रहे हैं.
गुजरात से सांसद मनसुख भाई वसावा ने दिया BJP से इस्तीफा, बात न सुने जाने पर थे नाराज
बताते चलें कि मनसुख भाई वसावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर मांग की थी कि नर्मदा जिले के 121 गांवों को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने संबंधी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना वापस ली जाए.
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इस मामले में सीआर पाटिल ने कहा था, ‘‘मुख्य मुद्दा पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र का है, जिन्हें केंद्र ने भूखंड के कुछ हिस्सों पर घोषित किया है. ऐसा जान पड़ता है कि जिलाधिकारी द्वारा कुछ जमीनों के बारे में कुछ प्रविष्टियां की गईं, तब से कुछ लेाग इस मुद्दे पर स्थानीय लोगों को गुमराह कर रहे हैं.'' सघन अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर नाराज वसावा ने पिछले साल नौकरशाही पर यह कहते हुए अपनी नाराजगी उतारी थी कि वातानुकूलित घरों में रहने वाले इन लोगों को गरीबों का दर्द मालूम नहीं है.
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