लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद अब भारतीय जनता पार्टी को नए अध्यक्ष की तलाश है. बीजेपी को जल्द ही नया कार्यकारी अध्यक्ष मिल सकता है. पीएम नरेंद्र मोदी के इटली दौरे से वापसी के बाद बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक हो सकती है जिसमें कार्यकारी अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगेगी. बीजेपी में संसदीय बोर्ड ही कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति के बारे में फैसला लेता है.
गौरतलब है कि वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल हो गए हैं और एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के आधार पर दोनों पदों पर नहीं रह सकते हैं. हालांकि संसदीय बोर्ड नड्डा को संगठन चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक अपने पद पर बने रहने के लिए कहते हुए एक कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति भी कर सकता है.
दिसंबर तक सदस्यता अभियान और संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक कार्यकारी अध्यक्ष ही काम करेगा. बीजेपी के संविधान के अनुसार 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन चुनाव पूरे होने पर ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है. जुलाई से सदस्यता अभियान शुरू होगा और यह करीब छह महीने तक चलेगा. इस तरह नए अध्यक्ष का चुनाव दिसंबर - जनवरी में होगा.
इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के जरिए कार्यकारी अध्यक्ष को पूर्णकालिक अध्यक्ष चुना जा सकता है जैसे नड्डा को जनवरी 2020 में चुना गया था. निर्वाचित अध्यक्ष का कार्यकाल जनवरी 2025 से शुरू होगा. जेपी नड्डा भी इसी तरह जून 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे.
तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह मोदी 2.0 में गृह मंत्री बन गए थे लिहाजा उन्होंने कहा था कि अध्यक्ष की उनकी जिम्मेदारी किसी और को दे दी जाए. तब संसदीय बोर्ड ने 17 जून 2019 को नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था और राजनाथ सिंह ने बोर्ड के फैसले की जानकारी दी थी. नड्डा ने 20 जनवरी 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर काम संभाला था और उनका कार्यकाल इस साल जनवरी में पूरा हो गया था. लेकिन आम चुनावों के मद्देनजर नड्डा को इस साल जून अंत तक विस्तार दिया गया था.
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