"पहले आतिथ्य सत्कार, फिर अलविदा" : मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे कांग्रेस नेताओं से ज्योतिरादित्य सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने अपने पिता की मौत के बाद 2002 में अपना पहला चुनाव लड़ा था. वह गुना सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं. साल 2019 में बीजेपी के केपी सिंह यादव से वह चुनाव हार गए थे. इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के यादवेंद्र यादव से है.

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कांग्रेस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का तंज.
भोपाल:

कभी कांग्रेस नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार अपने गृह क्षेत्र गुना से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस दौरान वह तेजी से चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. चुनाव प्रचार में वह काफी सहज भी नजर आ रहे हैं. एनडीटीवी के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा, ''राजनीति और चुनाव हमारे लिए अंत नहीं हैं. यह लोगों की सेवा की प्रथा को आगे बढ़ाने की शुरुआत है.'' ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में 'महाराज' के नाम से जाने जाते हैं. उनका परिवार  1950 के दशक से निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा है. उनकी दादी विजयाराजे सिंधिया और उनके पिता माधवराव सिंधिया दोनों चाहें जिस भी पार्टी से चुनाव लड़ते रहे हों, गुना का ही प्रतिनिधित्व करते रहे हैं.

गुना से 4 बार के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पिता की मौत के बाद 2002 में अपना पहला चुनाव लड़ा था. वह गुना सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं. साल 2019 में बीजेपी के केपी सिंह यादव से वह चुनाव हार गए थे. इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के यादवेंद्र यादव हैं. वह मुंगावली से तीन बार विधायक रहे बीजेपी नेता राव देशराज सिंह यादव के बेटे हैं. कांग्रेस की रणनीति यादव वोट को एकजुट करने की है, जिसका फायदा 2019 में बीजेपी उम्मीदवार को मिला था.

यादव वोट बैंक पर बीजेपी की नजर

दरअसल गुना की आबादी में यादवों की एक बड़ी हिस्सेदारी है. यहां पर करीब 250,000 यादव वोटर हैं. अगर कभी इस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने किसी गैर-सिंधिया को अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना भी है, तो वह यादव समुदाय से रहा है.इस बार मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी की पसंद पर यादव समुदाय की झलक देखी जा सकती है. मार्च में, कांग्रेस उम्मीदवार के ऐलान के बाद, मोहन यादव ने यादव समुदाय की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे थे. 

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उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था कि "इस निर्वाचन क्षेत्र में हर कोई मेरा है और मैं हर किसी का हूं. सिंधिया ने कभी भी जाति और पंथ के आधार पर चुनाव नहीं लड़ा है. हमने हर समुदाय के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ा है. यह पार्टी पर निर्भर है कि वे कौन सा उम्मीदवार चुनते हैं.

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"पहले अतिथि का स्वागत और फिर अलविदा"

कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार करने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के आने के बारे में सवाल पूछे जाने पर, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोई भी नेता आ सकता है. उन्होंने कहा कि हम उन्हें अतिथि देवो भव के तहत आतिथ्य सत्कार करते हैं और उसके बाद उन्हें अलविदा कहते हैं. 

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बता दें कि गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए बीजेपी की सीनियर नेता उमा भारती ने भी पिछले हफ्ते चुनाव प्रचार किया था.  यह पहली बार था जब उन्होंने "राजनीति से ब्रेक" के बाद मौजूदा चुनाव अभियान में हिस्सा लिया. इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, "यह मेरा सौभाग्य है. वह मेरी चाची हैं और उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया है."

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