BJP लोगों को डर के साये में रहने के लिए मजबूर कर रही है : कांग्रेस चिंतन शिविर में सोनिया गांधी

पहले अंग्रेजी और बाद में हिन्दी में दिए अपने संबोधन में सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि यह पार्टी और व्यक्तिगत स्तर पर हमसभी के लिए चिंतन और आत्मचिंतन करने का वक्त है. उन्होंने कहा कि संगठन में बदलाव समय की जरूरत है, हमें अपने काम करने के तरीके को बदलने की भी जरूरत है.

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सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से लिए मिलजुलकर काम करने का आह्वान किया.

उदयपुर/ नई दिल्ली:

राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय नवसंकल्प चिंतन शिविर (NavSankalp Chintan Shivir) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है और कहा है कि बीजेपी ने देशवासियों को भय के माहौल में जीने पर मजबूर कर दिया है. उन्होंने कहा कि 'नव संकल्प चिंतन शिविर' हमें उन चुनौतियों पर चर्चा करने का अवसर देता है, जिनका सामना देश भाजपा, आरएसएस और उसके सहयोगियों की नीतियों के परिणामस्वरूप कर रहा है.

कांग्रेस अध्यक्षा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब यह बात दर्दनाक रूप से साफ हो चुकी है कि 'मैक्सिमम गवर्नेंस और मिनिमम गवर्नमेंट' से पीएम मोदी और उनके सहयोगियों का क्या मतलब है; इसका मतलब अल्पसंख्यकों पर 'क्रूर' अत्याचार करना है.

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पहले अंग्रेजी और बाद में हिन्दी में दिए अपने संबोधन में सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि यह पार्टी और व्यक्तिगत स्तर पर हमसभी के लिए चिंतन और आत्मचिंतन करने का वक्त है. उन्होंने कहा कि संगठन में बदलाव समय की जरूरत है, हमें अपने काम करने के तरीके को बदलने की भी जरूरत है. सोनिया गांधी ने लोगों से पार्टी के लिए मिलजुलकर काम करने का भी आह्वान किया.

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सोनिया गांधी ने कहा, "हम बड़े और सम्मिलित प्रयासों से ही बदलाव ला सकते हैं, हमे निजी आकांक्षाओं को संगठन की जरूरतों के अधीन रखना होगा." उन्होंने फिर कहा, "पार्टी ने बहुत दिया है और अब कर्ज उतारने का वक्त आ गया है. है. एक बार फिर से साहस का परिचय देने की जरूरत है. हर संगठन को जीवित रहने के लिए परिवर्तन लाने की जरूरत होती है. हमें सुधारों की सख्त जरुरत है. ये सबसे बुनियादी मुद्दा है."

सोनिया गांधी ने कहा, "मैं पार्टी के लोगों से आग्रह करती हूं कि वे शिविर में खुलकर अपने विचार व्यक्त करें, लेकिन उससे मजबूत पार्टी और पार्टी में एकता का संदेश देश में जाना चाहिए."

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