मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री द्वारा ऊंची जाति की महिलाओं को लेकर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan)ने रविवार को कहा कि ‘उच्च जाति की महिलाओं' ( upper caste women) के बारे में विवादित बयान देने के लिए उन्होंने अपने मंत्री को चेतावनी दी है. आदिवासी नेता और मंत्री बिसाहूलाल सिंह (Bisahulal Singh)ने बुधवार को अनूपपुर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए उच्च जाति की महिलाओं को कथित तौर पर पकड़ कर घर से बाहर निकालने का बयान देकर एक विवाद को जन्म दे दिया था.
बिसाहू लाल ने कहा था, ‘बड़े लोग (उच्च जाति) ठाकुर और कुछ अन्य बड़े लोग अपनी महिलाओं को घरों में रखते हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने देते जबकि हमारे गांवों में (समाज के निचले तबके की) महिलाएं खेत और घर का काम करती हैं. आप आगे आयें, और जितने बड़े बड़े ठाकुर-आकुर हैं न, उनके घर में जाकर महिलाओं को पकड़ कर बाहर निकालें. उनके साथ समाज का काम करें.' मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी-अभी बिसाहूलाल सिंह जी को फोन किया था.
उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने बयान के लिए माफी मांगी है. भावना जो भी हो, संदेश गलत नहीं जाना चाहिए. हर शब्द को सावधानी से बोलना चाहिए. सीएम चौहान ने आगे कहा कि ऐसी भावनाओं की अभिव्यक्ति, जो लोगों को गलत संदेश देती है, जो भी हो उसे माफ नहीं किया जाएगा. सीएम शिवराज ने कहा, बीजेपी उनकी सरकार और मेरे लिए मां, बहन और बेटी का सम्मान सर्वोपरि है.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी डी शर्मा ने भी आदिवासी नेता के बयान पर खेद जताया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया.शर्मा ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. यदि उनके (सिंह) बयान से समाज के किसी वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मैं पार्टी की ओर से माफी मांगता हूं.' बिसाहू लाल ने रविवार को एक बार फिर खेद जताया और माफी मांगते हुए अपना वीडियो बयान जारी किया है.
मंत्री की टिप्पणी पर राजपूत करणी सेना ने नाराजगी व्यक्त की थी. सेना कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को मंत्री के सरकारी आवास के बाहर उनका पुतला जलाया और बीजेपी कार्यालय के बाहर शनिवार को उनकी कार का घेराव कर उन्हें काले झंडे दिखाए थे.
क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के विधायक जयवर्धन सिंह ने भी बिसाहूलाल के बयान की निंदा की. बिसाहूलाल पिछले साल ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं और संयोग से कांग्रेस में वह जयवर्धन सिंह के पिता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के वफादार माने जाते थे.