लोकसभा चुनाव में भाजपा का 400 सीट का आंकड़ा पार करना संविधान के लिए खतरनाक होगा: अब्दुल्ला

लद्दाख संसदीय सीट से ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा उम्मीदवार चयन के मुद्दे पर, अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन का हिस्सा है और ‘‘अपना कर्तव्य निभाएगी’’.

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नई दिल्ली:

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनाव में 400 सीट नहीं जीत पाएगी.अब्दुल्ला ने यहां एक जनसभा के बाद पत्रकारों से कहा कि यदि भाजपा चुनाव में 400 सीट का आंकड़ा पार कर जाती है, तो यह संविधान के लिए खतरनाक होगा.

उन्होंने कहा, ‘‘संविधान हमें बाबा साहेब आंबेडकर ने दिया था. भाजपा बाबा साहब आंबेडकर की विरासत के साथ इस तरह खिलवाड़ कर रही है, यह वाकई अफसोसजनक है.''

उत्तरी कश्मीर सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार अब्दुल्ला ने कहा कि प्रत्येक चरण के चुनाव के साथ सीटों की संख्या के बारे में भाजपा का अनुमान कम होता जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘पहले चरण से पहले 400 सीट की बात थी. दो चरणों के बाद शायद भाजपा अब 400 सीट की बात नहीं कर रही है. जैसे-जैसे चरण आगे बढ़ेंगे, ईश्वर ने चाहा तो उनकी सीटों की संख्या कम हो जाएगी.''

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी की लड़ाई ‘‘दिल्ली, भाजपा और नागपुर के खिलाफ है.''

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अनंतनाग-राजौरी सीट पर (चुनाव) स्थगित करना दिल्ली और भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था. हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है बल्कि यह दिल्ली, भाजपा और नागपुर के खिलाफ है.''

लद्दाख संसदीय सीट से ‘इंडिया' गठबंधन द्वारा उम्मीदवार चयन के मुद्दे पर, अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन का हिस्सा है और ‘‘अपना कर्तव्य निभाएगी''.

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उन्होंने कहा, ‘‘नेकां ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा है. हमें उम्मीद है कि कांग्रेस इस स्थिति को सुलझाने में सक्षम होगी और एक उपयुक्त उम्मीदवार का चयन किया जायेगा. मैं इस विवाद में नहीं पड़ रहा हूं कि कांग्रेस को किस पक्ष का समर्थन करना चाहिए. गठबंधन के हिस्से के रूप में नेकां अपना कर्तव्य निभाएगी.''

नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह से भाजपा नेता अपने भाषणों में रोजाना अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं, वह देश के लिए अच्छा नहीं है.

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अब्दुल्ला ने पूछा, ‘‘चुनाव नतीजे चार जून को आएंगे, लेकिन उसके बाद हमें पांच साल तक देश चलाना है. आप नफरत फैलाकर इस तरह देश कैसे चलाएंगे, खासकर जब प्रधानमंत्री 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं?''

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान कम से कम 14 प्रतिशत आबादी की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. वे ‘सबका साथ, सबका विकास' की बात करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वे चुनाव के दौरान ये बातें भूल जाते हैं.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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