संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा पर चुप क्यों है TMC? बीजेपी हुई हमलावर

Cash For Query Case: महुआ मोइत्रा विवाद पर तृणमूल कांग्रेस अब तक चुप है.रिश्वत के बदले सवाल मामले पर बीजेपी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.

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Cash For Query Case: महुआ मोइत्रा ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

संसद में महुआ मोइत्रा द्वारा रिश्वत के बदले सवाल पूछे जाने के आरोपों पर बीजेपी लगातार तृणमूल पर हमलावर है. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) चुप्पी साधी हुई है.TMC की चुप्पी को देखते हुए बीजेपी ने महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर हमले और तेज़ किए हैं. हालांकि, आरजेडी (RJD) महुआ के पक्ष में खड़ी हुई है. फिलहाल विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा है.

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवालों के लिए रिश्वत लेने (Cash for Query) का आरोप है. पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का मामला अब लोकसभा (Lok Sabha) की एथिक्स कमेटी (Ethics Committee)में पहुंच गया है.

TMC ने  महुआ मोइत्रा के विवाद पर साधी चुप्पी

तृणमूल कांग्रेस ने अब तक कृष्णानगर सांसद के खिलाफ आरोपों पर कोई बात नहीं की है. वहीं, महुआ मोइत्रा ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं.

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बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर लगाए कई आरोप

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने मोइत्रा पर संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन, सदन की अवमानना ​​और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया है. बीजेपी लगातार सवाल कर रही है कि टीएमसी के बड़े नेताओं ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ क्यों नहीं कहा है.

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बीजेपी ने महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की

बता दें कि महुआ मोइत्रा विवाद पर तृणमूल कांग्रेस अब तक चुप है.रिश्वत के बदले सवाल मामले पर बीजेपी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.

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बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, "हम ममता बनर्जी से सवाल करना चाहते हैं कि वह चुप क्यों हैं. उन्होंने रिश्वत ली है और सवाल पूछे हैं. उन्होंने रिश्वत लेकर संसद में करीब 50 सवाल पूछे हैं. इस पर ममता बनर्जी क्या कहेंगी? अगर आरोप साबित होते हैं तो उन्हें सांसद पद से हटा देना चाहिए."

सभी तथ्यों के स्पष्ट होने के बाद पार्टी अपना रुख़ करेगी साफ़

सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस इस मामले पर भले ही ख़ामोश है लेकिन अंदरूनी तौर पर महुआ मोइत्रा के बचाव की रणनीति बना रही है, सूत्रों का ये भी कहना है कि मामला एक ऐसे वकील के हलफ़नामे का है जो पहले क़रीबी साथी हुआ करता था इस वजह से पार्टी पूरे मामले पर बारीकी से नज़र रखे हुए है. सारे तथ्यों के स्पष्ट होने के बाद पार्टी अपना रुख़ साफ़ करेगी.

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 RJD के नेता तेजस्वी यादव ने दिया महुआ मोइत्रा का साथ

एक तरफ जहां ख़ुद महुआ मोइत्रा की पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है लेकिन RJD के नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले में उनका साथ दिया है.

तेजस्वी यादव  ने कहा, 'महुआ मोइत्रा एक पढ़ी-लिखी महिला हैं और उन्होंने जिस कॉलेज में पढ़ाई की है, वहां एडमिशन मिल पाना बहुत मुश्किल है. उन्होंने एक बड़े बैंक में वाइस प्रेसीडेंट के रूप में काम किया है. ये कोई आम बात नहीं है और हम उनकी क्षमता पर सवाल नहीं उठा सकते.'

ममता बनर्जी ने महुआ के विवादित बयान से बनाई थी दूरी

महुआ मोइत्रा की ख़ुद अपनी पार्टी में ज़्यादा साख नहीं है.जुलाई 2022 में पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने मां काली पर महुआ मोइत्रा के विवादित बयान से दूरी बनाते हुए कहा था कि ग़लतियों को सुधारना ही बेहतर है. इससे पहले 2021 के अंत में पार्टी में आपसी झगड़े के लिए ममता बनर्जी ने मंच से महुआ मोइत्रा को फटकार लगाई थी. लेकिन उसके बाद महुआ मोइत्रा मनरेगा फ़ंड न देने के विरोध में केंद्र के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में शीर्ष नेताओं के साथ नज़र आईं, जिससे लगा कि अब पार्टी के साथ रिस्ते सुधर गए हैं. फ़िलहाल लोगों की नज़र इस बात पर है कि क्या ताज़ातरीन विवाद में तृणमूल कांग्रेस अपनी सांसद से दूरी बनाएगी या फिर उनका साथ देगी.