बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) के साथ गठबंधन नहीं करेगी. केंद्र की सत्ताधारी पार्टी ने आगामी लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनावों में सभी सीट पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की. पिछले कुछ दिनों में दोनों दलों में गठबंधन को लेकर कई स्तरों पर बातचीत हो रही थी.
ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं.
मनमोहन सामल ने कहा, "देश भर में जहां भी 'डबल इंजन' की सरकार रही है, वहां विकास व गरीब कल्याण के कार्यों में तेजी आई है और राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़े हैं. लेकिन आज ओडिशा में मोदी सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाएं जमीन पर नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे ओडिशा के गरीब बहनों-भाइयों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है. ओडिशा-अस्मिता, ओडिशा गौरव और ओडिशा के लोगों के हित से जुड़े अनेक विषयों पर हमारी चिंताएं हैं."
सामल ने बीजद की ओर से केंद्र सरकार के अनेक राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर समर्थन देने के लिए प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी के प्रति आभार व्यक्त किया.
पार्टी के इस कदम का स्वागत करते हुए, भाजपा नेता अपराजिता सारंगी ने एक्स पर पोस्ट किया, "उत्कृष्ट, बेहद आभारी."
बीजद के साथ भाजपा के गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हमने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. हमारी पार्टी के अध्यक्ष फैसला करेंगे. लेकिन ये निश्चित है कि हम ओडिशा में भारी जीत हासिल करेंगे. अगर हम अकेले लड़ने का फैसला करते हैं तो हम ओडिशा में सरकार बनाने के लिए लड़ेंगे.
इन अटकलों को उस समय और बल मिला था, जब ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी माने जाने वाले वी.के. पांडियन ने कहा था कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा और बीजद को एक-दूसरे की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ चीजें राजनीति से परे होती हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ‘बड़े मकसद' के लिए एक साथ आना चाहते हैं.
भाजपा और बीजद 1998 से 2009 तक गठबंधन में रहे. पिछले एक दशक से अधिक समय में भाजपा ने राज्य में कांग्रेस को पूरी तरह खत्म कर दिया और मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है.