पश्चिम बंगाल का संदेशखाली राष्ट्रीय सुर्खियों में बना हुआ है, ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. संदेशखाली की स्थिति ने सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध छेड़ दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने का का आरोप लगाया है. संदेशखाली में 10 दिनों से अधिक समय से अशांति का माहौल है, क्योंकि महिला प्रदर्शनकारी टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ न्याय की मांग कर रही हैं.
ममता बनर्जी क्यों हैं चुप
संदेशखाली पर बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री चुप हैं. उन्होंने कहा, "अभी आप संदेशखाली की स्थिति को समझ नहीं पा रहे हैं. हमने इराक, ईरान और पाकिस्तान में महिलाओं पर अत्याचारों के बारे में सुना है... आज पश्चिम बंगाल में भी यही हो रहा है और ममता बनर्जी चुप हैं. और वह कह रही हैं कि आरएसएस ऐसा कर रहा है."
पुलिस के साथ शेख शाहजहां की मिलीभगत
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, पश्चिम बंगाल बीजेपी नेता ने पूरे पुलिस प्रशासन पर टीएमसी का पार्टी कार्यालय बनने का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस कोई एफआईआर दर्ज नहीं करती है. संदेशखाली घटना से संबंधित एक भी एफआईआर नहीं है, क्योंकि पुलिस शेख शाहजहां के साथ मिलीभगत कर रही है. उन्होंने कहा, "शेख शाहजहां, जो एक गिरोह का नेता है, आपको अपनी एफआईआर दर्ज करने के लिए उससे अनुमति लेनी होगी? ममता बनर्जी कल कह रही थीं कि एक भी एफआईआर नहीं है. इसलिए कोई एफआईआर नहीं है, क्योंकि पुलिस के साथ शेख शाहजहां की मिलीभगत है. पूरा पुलिस प्रशासन टीएमसी का पार्टी कार्यालय बन गया है." उन्होंने दावा किया कि पुलिस शेख शाहजहां का पता नहीं लगा पा रही है क्योंकि उन्हें खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का संरक्षण प्राप्त है और इसकी वजह आगामी लोकसभा चुनाव भी है.
72 घंटे लंबा विरोध प्रदर्शन करेंगे
इस बीच, पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोमवार को कहा कि संदेशखाली हिंसा को लेकर राज्य में उथल-पुथल के बीच शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पार्टी आने वाले दिनों में 72 घंटे का विरोध प्रदर्शन भी करेगी. नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मजूमदार ने कहा, "शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हम आने वाले दिनों में कम से कम 72 घंटे लंबा विरोध प्रदर्शन करेंगे. विरोध का संभावित दिन 22 फरवरी है. जिस तरह से वह (ममता बनर्जी) गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रही हैं, एक महिला मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें थोड़ा और संवेदनशील होना चाहिए. संदेशखाली की महिलाएं कह रही हैं कि उनके खिलाफ अत्याचार हुआ है. इसके लिए भाजपा कैसे जिम्मेदार है? सबसे पहले, टीएमसी राज्य में किसी भी हिंसा से पूरी तरह इनकार कर रही थी और अब वे उसी मामले में गिरफ्तारियां कर रहे हैं."
संदेशखाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा...?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में रहने वाली महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित मामले का संज्ञान लिया है और केंद्रीय जांच ब्यूरो, मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने टिप्पणी की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो या विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की मांग वाली याचिका पर उच्च न्यायालय विचार कर सकता है. पीठ ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय पहले ही इस मुद्दे पर संज्ञान ले चुका है.
ममता का भाजपा पर पलटवार
दूसरी ओर, संदेशखाली हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा क्षेत्र में शांति भंग करने की कोशिश कर रही है और उसने अपने नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. रविवार को बीरभूम में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि उनकी सरकार कुछ भी गलत होने पर हमेशा कार्रवाई करती है. उन्होंने कहा, "हम हमेशा कुछ भी गलत होने पर कार्रवाई करते हैं. पहले ईडी, फिर भाजपा, और अब मीडिया... वे वहां (संदेशखाली) शांति को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर कोई आरोप हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे, और जो भी लिया गया जबरन लौटाया जाएगा. मैंने पुलिस से स्वत: संज्ञान लेने को कहा है. हमारे ब्लॉक अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है. भांगर में अराबुल इस्लाम को भी गिरफ्तार किया गया है, लेकिन भाजपा ने अपने नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की?"
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