पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मंगलवार को शिअद और भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके खिलाफ किसानों के ‘गुस्से' के मद्देनजर दोनों दलों में दोबारा गठबंधन नहीं हो सका. भाजपा ने मंगलवार को घोषणा की कि वह पंजाब में अपने दम पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जिससे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ फिर से गठबंधन बनाने की बातचीत खत्म होने का संकेत मिला.
इससे पहले पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा था कि पार्टी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है . यह फैसला लोगों, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की प्रतिक्रिया के आधार पर लिया गया. जाखड़ ने आगे कहा, यह फैसला पंजाब के भविष्य और युवाओं, किसानों, व्यापारियों, मजदूरों और वंचितों की बेहतरी के लिए लिया गया है.
अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के भाजपा के कदम पर एक सवाल का जवाब देते हुए, वडिंग ने दावा किया कि जाखड़, शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गठबंधन को फिर से बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
वडिंग ने कहा, हालांकि, जो किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने सहित अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में सड़कों पर बैठे हैं, उन्होंने भाजपा का ‘विरोध' शुरू कर दिया है.
वडिंग ने दावा किया कि किसान भाजपा के किसी भी सहयोगी दल को गांवों में प्रवेश नहीं करने देंगे. उन्होंने आगे कहा कि ये दोनों पार्टियां जानती थीं कि उन्हें गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया, इसीलिए उन्होंने अपना ‘‘समझौता'' रद्द कर दिया लेकिन वे ‘‘आंतरिक रूप से एक साथ'' हैं.
वडिंग ने यह भी कहा कि अकाली दल ने ‘बंदी सिंह' (सिख कैदियों) का मुद्दा भी उठाया था, जबकि भाजपा ने छह सीटों की मांग की थी, जिससे जाहिर तौर पर पता चलता है कि इन मुद्दों पर दोनों दलों के बीच आम सहमति का अभाव था .
कांग्रेस पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी देवेंद्र यादव ने अकाली और भाजपा दोनों पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया. यादव ने आरोप लगाया, ''दोनों आज भी एक-दूसरे के साथ मिले हुए हैं.'' इस बीच, पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा के लिए बैठक की .
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