तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए AIADMK और बीजेपी ने गठबंधन के लिए औपचारिक बातचीत शुरू कर दी है. ईपीएस के नाम से मशहूर एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अमित शाह से मुलाकात की. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों की यह पहली औपचारिक बातचीत थी. इस मुलाकात से पहले दोनों दलों के नेताओं ने कई हफ्ते तक अनौपचारिक बातचीत की.गठबंधन की औपचारिक घोषणा से पहले दोनों दलों में दो-तीन राउंड की और बातचीत होने की संभावना है.पलानीस्वामी एआईएडीएमके के उन नेताओं में शामिल रहे हैं, जो बीजेपी के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थे. लेकिन राजनीतिक मजबूरियों की वजह से उन्होंने अपना मन बदल दिया है.
बीजेपी और एआईएडीएमके का समझौता
इससे पहले एआईएडीएमके ने बीजेपी से तब समझौता किया था, जब उसकी सबसे बड़ी नेता जे जयललिता का निधन हो गया था और पार्टी दो टुकड़ों में बंट गई थी. उस समय एआईएडीएमके सरकार के कई फैसलों पर बीजेपी का प्रभाव नजर आया था.
साल 2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनाव में डीएमके को मिली भारी जीत के बाद पलानीस्वामी ने बीजेपी से दूरी बना ली. सितंबर 2023 में यह गठबंधन टूट गया था.
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में एमके स्टालिन की डीएमके और उनके साथी दलों ने शानदार प्रदर्शन किया. डीएमके ने उपचुनावों और नगर निकाय चुनावों में शानदार जीत दर्ज की.इससे डीएमके नेता एमके स्टालिन दक्षिण में बीजेपी विरोधी विपक्ष के चेहरे के रूप में स्थापित हो गए. इसने पलानीस्वामी को अपना मन बदलने के लिए मजबूर किया.
क्या चाहती है एआईएडीएमके
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एआईएडीएमके चाहती है कि बीजेपी के साथ गठबंधन की निगरानी के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन हो. यह कमेटी तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई से ऊपर होगी. दरअसल इससे एआईएडीएमके यह संदेश देना चाहती है कि वह सीधे बीजेपी हाई कमान से बात कर रहा है. दरअसल दोनों दलों का गठबंधन टूटने की वजह अन्नामलाई का एआईएडीएमके नेताओं पर जुबानी हमलों को माना जाता है. लगातार हमलों को 2023 में गठबंधन टूटने के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है. बीते साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन से पहले एआईएडीएमके अन्नामलाई को हटाने की मांग कर रही थी. लेकिन बीजेपी ने इस मांग को अनसुना कर दिया था. इस वजह से यह गठबंधन नहीं हो पाया था.
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