बिलकीस मामला : 6 हजार से अधिक लोगों ने दोषियों की सजा माफ करने का निर्णय रद्द करने की मांग की

बयान में कहा गया, “हम मांग करते हैं कि न्याय व्यवस्था में महिलाओं के विश्वास को बहाल किया जाए. हम इन 11 दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को तत्काल वापस लेने और उन्हें सुनाई गई उम्र कैद की सजा पूरी करने के लिए जेल भेजने की मांग करते हैं.”

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जब सामूहिक बलात्कार किया गया था, उस वक्त बिलकिस 21 वर्ष की थी और उसे पांच महीने का गर्भ था.
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छह हजार से अधिक नागरिकों ने सुप्रिम कोर्ट से आग्रह किया है.
पुरूषों के मन में दंडित किए जाने का भय कम हो जाएगा.
मृतकों में बिलकिस की तीन साल की बेटी भी शामिल थी.
नई दिल्ली:

सामाजिक, महिला एवं मानवाधिकार सक्रियतावादियों समेत छह हजार से अधिक नागरिकों ने सुप्रिम कोर्ट से आग्रह किया है कि 2002 के बिलकीस बानो मामले में रेप और हत्या के लिए दोषी करार दिए गए 11 व्यक्तियों की सजा माफ करने के निर्णय को रद्द करने का निर्देश दिया जाए. एक संयुक्त बयान में कहा गया, “गैंग रेप और हत्या के दोषी 11 लोगों की सजा माफ करने से उन प्रत्येक बलात्कार पीड़िता पर हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ेगा, जिन्हें न्याय व्यवस्था पर भरोसा करने, न्याय की मांग करने और विश्वास करने को कहा गया है.”

बयान जारी करने वालों में सैयदा हमीद, जफरुल इस्लाम खान, रूप रेखा, देवकी जैन, उमा चक्रवर्ती, सुभाषिनी अली, कविता कृष्णन, मैमूना मुल्ला, हसीना खान, रचना मुद्राबाईना, शबनम हाशमी और अन्य शामिल हैं. नागरिक अधिकार संगठनों में सहेली वूमन्स रिसोर्स सेंटर, गमन महिला समूह, बेबाक कलेक्टिव, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमन्स एसोसिएशन, उत्तराखंड महिला मंच और अन्य संगठन शामिल हैं.

बयान में मांग की गई है कि सजा माफी का निर्णय तत्काल वापस लिया जाए. कहा गया है कि हत्या और रेप के इन दोषियों को सजा पूरी करने से पहले रिहा करने से महिलाओं के प्रति अत्याचार करने वाले सभी पुरूषों के मन में (दंडित किए जाने का) भय कम हो जाएगा. 

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बयान में कहा गया, “हम मांग करते हैं कि न्याय व्यवस्था में महिलाओं के विश्वास को बहाल किया जाए. हम इन 11 दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को तत्काल वापस लेने और उन्हें सुनाई गई उम्र कैद की सजा पूरी करने के लिए जेल भेजने की मांग करते हैं.” सजा माफी नीति के तहत गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों की रिहाई की अनुमति दिए जाने के बाद वे 15 अगस्त को गोधरा उप कारागार से बाहर आ गए. इन दोषियों ने जेल में 15 साल से अधिक समय बिताया है.

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मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी 2008 को इन 11 लोगों को बलात्कार और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उनकी दोषसिद्धि को बंबई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था. बिलकिस बानो के साथ जब सामूहिक बलात्कार किया गया था, उस वक्त वह 21 वर्ष की थी और उसे पांच महीने का गर्भ था. मारे गए लोगों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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