बिहार की तथाकथित ‘‘डबल इंजन’’ सरकार ‘‘ट्रबल इंजन’’ में बदल गई है : तेजस्वी

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि तथाकथित ‘‘डबल इंजन’’ वाली इस सरकार का इंजन खराब हो चुका है

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पटना:

बिहार विधानसभा (Bihar legislative Assembly) में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि तथाकथित ‘‘डबल इंजन'' वाली इस सरकार का इंजन खराब हो चुका है और अब यह किसी काम का न होकर ‘‘ट्रबल इंजन'' में परिवर्तित हो गयी है. विधानसभा परिसर में राजद नेता यादव ने पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार सरकार पर सभी मोर्चों पर पूरी तरह से विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ रही है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘नीति आयोग की रिपोर्ट में लगभग सभी मामलों में बिहार सरकार को विफल दर्शाया गया है. मुख्यमंत्री प्रदेश में भ्रष्ट सरकार चला रहे हैं. ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार है.''

यादव ने आरोप लगाया कि बेरोजगारी के मामले में बिहार पहले पायदान पर है तथा राज्य में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो गई है और स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रैंकिंग में बिहार कहां है, यह नीचे से पहले नंबर पर है.

राजद नेता ने आरोप लगाया, ‘‘जब भी मुख्यमंत्री से इस बारे में पूछा जाता है तो वह अपनी अनभिज्ञता जाहिर करते हैं. इससे पता चलता है कि बिहार सरकार लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति गंभीर नहीं है. यह ‘‘डबल इंजन'' नहीं बल्कि बिहार में ‘‘ट्रबल इंजन'' की सरकार है.''

उन्होंने आरोप लगाया कि यही नहीं बल्कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने भी अपनी रिपोर्ट में बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में वित्तीय विसंगतियों, अनियमितताओं और फिजूलखर्ची को उजागर किया है.

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन यादव ने कहा, ‘‘चूंकि बिहार के मुख्यमंत्री को नीति आयोग या कैग की रिपोर्ट की जानकारी नहीं है इसलिए हम विपक्षी दल के विधायकों ने उन्हें इन रिपोर्टों की प्रतियां सौंपने का फैसला किया है. हम इन मुद्दों को विधानसभा में भी उठाएंगे.''

नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की 51.91 फीसदी आबादी गरीब है जबकि झारखंड और उत्तर प्रदेश क्रमशः दूसरे (42.16फीसद) एवं तीसरे (36.65 फीसद) स्थान पर है. आयोग की रिर्पोट के अनुसार बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या भी सबसे अधिक है. झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ भी इस सूची में शामिल हैं. रिर्पोट के मुताबिक बिना बिजली कनेक्शन वाले घरों की सूची में बिहार भी शीर्ष पर है. उत्तर प्रदेश, असम, झारखंड और ओडिशा सूची में अन्य शीर्ष चार राज्य हैं.

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