- 24 जून से 25 जुलाई तक चले गणना चरण के बाद बिहार की प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित कर दी गई
- राज्य के सभी 38 जिलों के डीएम ने 243 विधानसभा क्षेत्रों के 90,712 मतदान केंद्रों पर ये सूची तैयार कर साझा की
- 1 सितंबर तक विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं. लोग अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.
भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को बिहार राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 को लेकर विस्तृत जानकारी दी. आयोग ने एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें 1 अगस्त दोपहर 3 बजे से 2 अगस्त दोपहर 3 बजे तक के आंकड़ों और घटनाक्रमों का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है. बता दें कि 24 जून से 25 जुलाई तक चले गणना चरण के बाद बिहार की प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त को आम जनता के लिए प्रकाशित कर दी गई.
बिहार वोटर लिस्ट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
- राज्य के सभी 38 जिलों के डीएम ने 243 विधानसभा क्षेत्रों के कुल 90,712 मतदान केंद्रों पर यह सूची तैयार कर साझा की. यह सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 1 अगस्त को प्रदान कर दी गई है.
- जो मतदाता 24 जून की मतदाता सूची में दर्ज थे, लेकिन 1 अगस्त की प्रारूप सूची से उनका नाम हट गया है, उनके नामों की अलग से सूची तैयार कर सभी राजनीतिक दलों को दी गई है. ऐसा इसलिए किया गया ताकि वे उसका परीक्षण कर सकें.
- इस विशेष सत्यापन अभियान में भाग लेने के लिए 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नियुक्त किए गए करीब 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं.
- 1 अगस्त दोपहर 3 बजे से 2 अगस्त दोपहर 3 बजे तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने बीएलओ के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के संबंध में कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं कराई. आयोग ने इसे 'शून्य दावे और आपत्तियां' के रूप में दर्ज किया है.
लगाए जाएंगे विशेष शिविर
मतदाता सूची को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए हर प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय और शहरी निकाय कार्यालय में 1 सितंबर 2025 तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं, जिसमें लोग आकर अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं या फिर दावा व आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.
विधानसभा क्षेत्र का कोई भी मतदाता या मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल निम्नलिखित के लिए दावे प्रस्तुत कर सकता है-
- छूटे हुए पात्र मतदाताओं को शामिल करना
- अपात्र नामों को हटाना
- ड्राफ्ट लिस्ट में किसी भी अशुद्धि को ठीक करना
- यदि कोई मतदाता ईआरओ (ERO) के फैसले से असंतुष्ट है, तो वह जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकता है.
ऑनलाइन भी जांच सकते हैं सूची में अपना नाम
मतदाता अपने नया पहचान पत्र (एपिक) नंबर के माध्यम से निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाकर भी प्रारूप मतदाता सूची में अपना नाम जांच सकते हैं. यदि नाम सूची में नहीं है या किसी सुधार की जरूरत है, तो उसी पोर्टल से दावा या आपत्ति दर्ज की जा सकती है.
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी योग्य मतदाताओं को नया पहचान पत्र (एपिक) जारी किया जाएगा, जिसके लिए हर मतदाता से अनुरोध किया गया है कि वे अपना नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो संबंधित बीएलओ को 1 सितंबर तक अवश्य सौंपें.
1 जुलाई से 1 अक्टूबर के बीच 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी अभियान के तहत 1 अगस्त से 2 अगस्त के बीच 3,223 युवाओं ने फॉर्म के साथ घोषणा पत्र भी भरे हैं.